जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत ने मौजूदा समय में बिहार में अलग-अलग पार्टियों में हो रहे जातिवाद की बातें और उनपर राजनीतिक रोटी सेंक रहे नेताओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हुए कहा कि राजनीति सिर्फ समीकरण की बात करने से नहीं होती बल्कि जनता का विश्वास जितना बहुत जरूरी है। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अभी सरकार को बदले डेढ़ से 2 ही महीने हुए हैं और आप देख रहे होंगे कि बिहार से दिल्ली तक नेताओं में छटपटाहट होने लगी है। ऐसा इसलिए हो पा रहा क्योंकि बिहार में जमीन में लोगों को जन सुराज की ताकत दिख रही है। प्रशांत किशोर ने कहा कि 2 अक्टूबर को बड़ा धमाका होगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे अगर कोई धंधेबाज कह रहा है तो मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि हां मैं इस बार बिहार के लोगों और बिहार को सुधारने के लिए काम ले लिया है। हम बिहार इसबार जनता का ठेका लेकर आए हैं ताकि जनता के लिए काम कर सकें। अभी तरकश में कई तीर बाकी है। बिहार में कई लोग कह रहे हैं कि पदयात्रा हो गई अब क्या करेंगे तो मैं उनको बतला दूं कि अभी इससे बड़ा बुलेट दागना बाकी है। जब हम पदयात्रा में आए थे तो 100 से 150 लोगों के साथ आए थे, मगर आज हज़ारों से भी ज्यादा लोग जन सुराज के साथ जुड़ गए हैं। बिहार के अन्य पार्टियों को समीकरण बनाने दीजिए कोई MY समीकरण बना रहा है कोई PY बना रहा है। कोई A to Z बना रहा है। आप देखियेगा 1 ही समीकरण होगा वो होगा जन बल का समीकरण। देश में जन बल के आगे कोई समीकरण नहीं है।