सुपौल: जन सुराज अभियान के तहत बिहार की पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर (Prashnat Kishor) ने मधेपुरा जिले में अपनी पदयात्रा पूरी करके शनिवार को सुपौल जिले में प्रवेश किया। सुपौल जिले में पदयात्रा के पहले दिन प्रशांत किशोर ने त्रिवेणीगंज में हजारों लोगों को संबोधित किया। उन्होनें कहा कि चुनाव में पांच सौ रुपये की खातिर आप अपने उन पांच सौ बच्चों का चेहरा भूल गए जिनकी कोसी में बह जाने के कारण मृत्यु हो गयी।
यहां की जनता ने फिर से उसी नीतीश कुमार की जेडीयू को वोट दिया, जिसके रहते हुए आपके बच्चों की मौत हुई। उन्होंने आगे कहा कि जब जनता वोट अपनी जाति को देखकर देगी तो उसे 5 साल नर्क का जीवन जीना पड़ेगा। बिहार की जनता के पास विकल्प का अभाव है और जन सुराज का मकसद है सही लोगों के सामूहिक प्रयास से समाज में सही सोच को विकसित करना है।
अकेले ही दर्द झेल रहे हैं
प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से सुपौल की जनता के सामने पलायन का मुद्दा जोरो शोरो से उठाया। उन्होंने कहा, आप को जब पता चला कि मैं 2 बरस से पैदल चल रहा हूँ, इसलिए आप मुझे देखने आ गए, पर आप यह भूल गए कि पिछले कई सालों से आपका बेटा, आपका पति, भाई आपको छोड़कर बड़े शहरों में जाकर खेत, फैक्ट्री, सड़क पर मज़दूरी कर रहा हैं। वह 10 से 15 हजार रुपये कमाने के लिए वहाँ पर रोज 12-14 घंटे तक अपने शरीर को खपाता है, ताकि आपको हर महीने 6-7 हज़ार रुपये भेज सके। पर कभी वो बीमार हो जाए तो आपको यहाँ कितनी भी छटपटाहट ही क्यो ना हो, लेकिन आपके पति, बच्चे अकेले ही दर्द झेल रहे हैं।
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उन्होंने आगे जन समूह से सवाल करते हुए पूछा कि ऐसी नौबत क्यों आई? उन्होंने बताया कि ऐसी नौबत इसलिए आई क्योंकि आपने वोट मंदिर के नाम पर दिया, जाति के नाम पर दिया। आपने एक बार नहीं, आपके विधायक और सांसद का तीन-तीन चार-चार बार साथ दिया। पर अपने बच्चों का साथ एक बार भी नहीं दिया। उन्होंने अंतः में कहा कि जब तक आप खुद को नहीं बदलते, कोई आपको इस गरीबी से बाहर नहीं निकाल सकता।