जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर पिछले दो वर्षों से बिहार के गांव-गांव जाकर जनता को उनके अधिकारों और प्रदेश की स्थिति में सुधार के संभावित तरीकों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। उनका उद्देश्य बिहार की जनता को यह समझाना है कि राज्य की दशा और दिशा कैसे बदली जा सकती है।
प्रशांत किशोर ने दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए बताया कि आजादी के समय बिहार और तमिलनाडु लगभग समान स्तर पर थे। उन्होंने कहा, जब देश आजाद हुआ, तो तमिलनाडु और बिहार आर्थिक और विकास के दृष्टिकोण से करीब-करीब बराबरी पर थे। लेकिन आज तमिलनाडु देश का दूसरा सबसे अच्छा राज्य है और बिहार 28वें नंबर पर है।
प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि तमिलनाडु की प्रगति किसी विशेष राजनीतिक दल पर निर्भर नहीं रही। उन्होंने कहा, तमिलनाडु में भाजपा की सरकार नहीं है। मोदी जी ने तमिलनाडु को नहीं बनाया है। पिछले 40-45 वर्षों से वहां कांग्रेस का भी शासन नहीं रहा है। तमिलनाडु के लोगों ने अपनी व्यवस्था खुद बनाई है। तमिल नाडु को किसी भाजपा या कांग्रेस ने नहीं बनाया है।