बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए को पछाड़ने के लिए विपक्ष एक जुट हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्ष के 28 दलों ने एक गठबंधन तैयार किया है, जिसे ‘I.N.D.I.A’ नाम दिया गया है। वहीं ‘I.N.D.I.A’ गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री उम्मीदवार को को लेकर चर्चे तेज हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी गठबंधन के नेताओं में सबसे आगे नजर आ रहे हैं। वहीं, विपक्षी दलों को साथ लाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुरी तरह पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
बुरी तरह पिछड़े नीतीश कुमार
‘I.N.D.I.A’ गठबंधन में प्रधानमंत्री के चेहरे के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, समेत कई नेताओं के नामों की चर्चाएं होती रही हैं। इसी बीच एबीपी सी वोटर ने एक सर्वे किया है। जिसमें 29 फीसदी देश की जनता राहुल गांधी को विपक्षी गठबंधन में प्रधानमंत्री का सबसे मजबूत दावेदार मान रही है। इसके अलावा 9 प्रतिशत समर्थन के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल दूसरे स्थान पर हैं। विपक्षी दलों को साथ लाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुरी तरह पिछड़ते नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री दावेदार के रूप में नीतीश कुमार तीसरे स्थान पर हैं। सर्वे में शामिल 6 फीसदी लोग उन्हें पीएम पद के लिए I.N.D.I.A की ओर से मजबूत उम्मीदवार मान रहे हैं।
35 फीसदी लोग का भरोसा- विपक्ष मोदी को हरा देगा
सर्वे के मुताबिक, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को केवल 3 फीसदी लोग हीं पीएम पद के लिए मजबूत उम्मीदवार मान रहे हैं। 6 फीसदी लोगों का मानना है कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे पीएम पद के मजबूत दावेदार हैं। खास बात है कि सर्वे में शामिल हुई 40 फीसदी जनता ने इन सभी नेताओं को विपक्ष के पीएम उम्मीदवार के तौर पर नकार दिया। जबकि 4 फीसदी ने ‘नहीं पता’ का जवाब दिया। आंकड़े बता रहे हैं कि 35 फीसदी लोग राहुल के इस दावे पर भरोसा जता रहे हैं कि विपक्ष मोदी सरकार को हरा देगा। वहीं 60 फीसदी लोगों ने इससे इनकार किया।
‘भारत जाड़ो यात्रा’ के बाद राहुल गांधी की छवि बेहतर हुई
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ‘भारत जाड़ो यात्रा’ के बाद राहुल गांधी की छवि बेहतर हुई है। राहुल गांधी ने नॉन सीरियस लीडर वाली छवि को तोड़ दिया है। वह पार्टी के भीतर एक मजबूत नेता के तौर पर उभरे हैं और गांधी परिवार को कांग्रेस की पहचान के केंद्र में रखने में सफल रहे हैं। ‘भारत जाड़ो यात्रा’ के दौरान पांच महीने तक पैदल चलने के दौरान राहुल गांधी ने भारत की सड़कें ही नहीं नापीं, उन्होंने यह दिखाने की भी कोशिश की कि वह देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार की संतान नहीं बल्कि एक आम आदमी हैं। उनके आलोचक भी मान रहे हैं कि इस यात्रा ने राहुल गांधी की छवि सुधारने में मदद की है।