InsiderLive: आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए दोनों के बीच गठबंधन की घोषणा करने के बाद अमरिंदर सिंह ने सोमवार, 27 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। उनकी यह मुलाकात पंजाब में सीट बंटवारे को लेकर हुई है।
बैठक में भाजपा के पंजाब प्रभारी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अकाली दल के पूर्व विधायक सुखदेव सिंह ढींडसा भी शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि भाजपा 117 विधानसभा सीटों में से करीब 70 सीटों अपना दावा रखते हुए गठबंधन में ‘बिग ब्रदर’ के रूप में उभरने की इच्छुक है वहीं अमरिंदर सिंह के संगठन को 30-35 सीटें देने के पक्ष में है। अकाली दल को 10-15 सीटें मिल सकती हैं। प्रधानमंत्री मोदी जनवरी के पहले सप्ताह में पंजाब में एक रैली के साथ अपने गठबंधन अभियान की शुरुआत कर सकते हैं।
बता दें कि अमरिंदर सिंह पहले कांग्रेस में थे और सिद्धू से हुए टकरावों के बीच उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस लोक दल के नाम से एर राज्य पार्टी इकाई बनाई है। आगामी चुनाव के लिए उन्होंने भाजपा के साथ अपना गठबंधन किया है। इससे पहले भाजपा ने पंजाब कांग्रेस लोक दल के साथ अपने गठबंधन का औपाचारिक ऐलान किया था लेकिन सीट बंटवारे पर बात नहीं हुई थी। शेखावत के साथ बैठक के बाद सिंह ने मीडिया से कहा, “हम देखेंगे कि कौन कहां चुनाव लड़ेगा, सीट चयन के लिए हमारा मानदंड विशुद्ध रूप से जीतने की योग्यता है।”
79 वर्षीय अमरिंदर सिंह ने यह भी विश्वास व्यक्त किया था कि गठबंधन आगामी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा, ‘गठबंधन निश्चित रूप से 101 फीसदी चुनाव जीतेगा। आप इसे लिखित में ले सकते हैं।’ भाजपा पंजाब प्रबारी शेखावत ने कहा था कि गठबंधन बनाने के लिए “सात दौर की बातचीत” हुई है।
बता दे कि अमरिंदर सिंह ने 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को प्रचंड जीत दिलाई थी। अब राजनीतिक अस्तित्व की अपनी लड़ाई लड़ रहे कांग्रेस के खिलाफ हैं। चुनाव से कुछ महीने पहले पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा था कि कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें बार-बार ‘अपमानित’ किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने त्याग पत्र में, जिसे उन्होंने ट्विटर पर भी साझा किया था उन्होंने कहा था कि वह “न तो थके हुए हैं और न ही सेवानिवृत्त” हैं।