2025 में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। कोई दल बदल रहा तो कोई घर वापसी कर रहा है। इसी कड़ी में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके प्रो. रामजतन सिन्हा एक बार फिर अपने पुराने घर में वापस लौट आए हैं। दरअसल, उन्होंने फिर कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। दिल्ली में आज उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
दिल्ली में कांग्रेस की वर्किंग कमेटी के सदस्य नासिर हुसैन और पवन खेड़ा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी। इस मौके पर कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी मौजूद थे। रामजतन सिन्हा ने 2005 में कांग्रेस छोड़ी थी। कुछ साल बाद फिर से शामिल हुए और 2012 में पार्टी छोड़ दी थी। अब एक बार फिर कांग्रेस में लौटे हैं।
बता दें कि रामजतन सिन्हा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। लेकिन फिर उन्होंने कई पार्टियां बदली। वे जहानाबाद जिले के मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र से एक बार विधायक भी रह चुके हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद रामजतन सिन्हा ने अपनी पार्टी भी बनायी थी। पार्टी नहीं चली तो जेडीयू में शामिल हुए थे। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वे राजद के भी संपर्क में रहे। लेकिन कहीं एडजस्टमेंट नहीं हुआ। आखिरकार वे वापस कांग्रेस में लौट आये।
दरअसल, रामजतन सिन्हा 2005 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। कांग्रेस ने 2005 के विधानसभा चुनाव में राजद से गठबंधन किया था। रामजतन सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर जहानाबाद के मखदुमपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी सीट छोड़ने से इंकार कर दिया था। उसके बाद रामजतन सिन्हा ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा था लेकिन हार गये।