चार नवंबर को पूरे झारखंड और बंगाल मिलाकर ईडी और आईटी ने 50 से अधिक जगह छापेमारी की। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में बेरमो विधायक अनूप सिंह आए। बेरमो विधायक के पटना, बेरमो और रांची आवास पर आईटी की टीम ने एक साथ रेड किया। बेरमो आवास पर एक तरफ जहां आईटी की टीम छापेमारी का काम कर रही थी तो वहीं आवास के बाहर कार्यकर्ता धरना और प्रदर्शन कर रहे थे। उसी बीच लोगों का ध्यान वहां खड़ी इनोवा कार पर पड़ी। इसी गाड़ी से आईटी के अधिकारी छापेमारी करने आए थे। उस कार के शीशे पर बीजेपी की पार्किंग का स्टीकर लगा हुआ था। जिसके बाद हो-हंगामे के बाद कार के मालिक (जो कार ड्राइव भी कर रहे थे) ने आनन-फानन में स्टीकर को कार के शीशे से निकाला। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
कार मालिक ने बताई स्टीकर की कहानी
कार में स्टीकर का मामला तुल पकड़ने के बाद कार के मालिक दिनेश महतो का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वो कह रहे हैं कि मेरा नाम दिनेश महतो है। ये वही शख्स हैं जिनका वीडियो कार से स्टीकर निकालते हुए वायरल हुआ था। महतो का कहना है कि कुछ दिनों पहले उन्होंने सेकेंड हैंड एक इनोवा खरीदी। जिसे कभी-कभी ये भाड़े पर चलाते हैं। कुछ दिनों पहले बीजेपी पार्टी की तरफ से एक सम्मेलन में जाने का काम मिला। उस सम्मेलन में मेरी गाड़ी भाड़े पर लगी थी। मैं खुद गाड़ी ड्राइव कर रहा था। कार्यक्रम के दौरान पार्किंग के लिए पास मिला था। कार्यक्रम के बाद मैं पास यानी स्टीकर को निकालना भूल गया। तीन नवंबर को इनकम टैक्स का ड्यूटी मिली। सुबह ढाई बजे रांची से निकले और बोकारो पहुंचे। हमें बताया नहीं जा रहा था कि जाना कहां है। सिर्फ आगे वाली गाड़ी को फॉलो करने को कहा गया था। विधायक जी के घर पहुंचने के बाद हमें मालूम हुआ कि ये कांग्रेस के विधायक का आवास है। सुबह मीडिया वाले वहां पहुंचे। वो स्टीकर लगी गाड़ी की वीडियो बनाने लगे। जिसे देखने के बाद मैंने उसे हटाया। ऐसा करना मेरी गलती है।
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तो क्या आईटी प्राइवेट नंबर की गाड़ी का कॉमर्शियली इस्तेमाल करता है
वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर से आईटी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल जिस गाड़ी पर स्टीकर लगा हुआ था उस गाड़ी का नंबर जेएच 01L 5626 है। यह नंबर प्राइवेट वाहन का है। इसका नंबर प्लेट साफेद है जिसपर काले रंग से नंबर लिखा हुआ है। जबकि कॉमर्शियल गाड़ी का नंबर प्लेट पीला होता है। ऐसे में चर्चा हो रही है कि क्या आईटी जैसी संस्था कॉमर्शियल वाहन का इस्तेमाल ना कर अपने कामों के लिए प्राइवेट नंबर का इस्तेमाल करती है। जबकि दूसरा ऐसा कोई करे तो इसे अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। साथ ही ऐसा करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है।