‘आप सबकी आवाज’ (ASA) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने रविवार को वन नेशन-वन इलेक्शन का समर्थन किया है। नालंदा में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की जान है, लेकिन लगातार होने वाले चुनावों से देश को नुकसान होता है। वन नेशन, वन इलेक्शन से यह समस्या हल हो सकती है। केंद्र सरकार ने इस पहल को कैबिनेट से पास कराकर एक सकारात्मक कदम उठाया है, और इसे लागू करना चाहिए।
मंच पर जाने के लिए आपस में भिड़े जदयू कार्यकर्ता… मंत्रियों के सामने जमकर चले लात-घूसे
आर.सी.पी. सिंह ने कहा कि देश में 1967 तक वन नेशन, वन इलेक्शन ही था। उसके बाद लोकसभा और विधानसभाओं में अलग-अलग समय पर चुनाव होने लगे। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा है कि संसाधनों की बचत होती है। आज भारत को एक कृषि प्रधान देश की जगह चुनाव प्रधान देश कहा जा सकता है, क्योंकि हर समय किसी न किसी स्तर पर चुनाव चलता रहता है। उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है, जिससे विकास के कई काम बाधित होते हैं। चुनावों की यह प्रक्रिया अर्थव्यवस्था पर भी असर डालती है। हमने देखा कि सात प्रतिशत से ज्यादा की ग्रोथ रेट वाली दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत, चुनावों के कारण पिछली तिमाही में 5.4 प्रतिशत तक गिर गई।
बता दें कि रविवार 15 दिसंबर को सरदार बल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर RCP सिंह ने नालंदा के मुस्तफ़ापुर स्थित पैतृक गांव में कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसी मौके पर आरसीपी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव की ‘माई-बहिन मान योजना’ का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बिहार का बजट 2,65,000 करोड़ रुपए का है। अगर महिलाओं को प्रतिमाह 2,500 रुपए दिए जाएं, तो इससे उनका पर्सनल खर्च परिवार चलाने, बच्चों की शिक्षा, और बेहतर भोजन में लगेगा। महिलाएं इस पैसे का दुरुपयोग नहीं करेंगी। सरकार द्वारा महिलाओं को दी जाने वाली मदद जितनी अधिक होगी, उतनी ही हमारी आर्थिक प्रगति बढ़ेगी।
लालू के शासनकाल में बंद हुआ था BPSC… उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी पर साधा निशाना
वहीं आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार की यात्रा का सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि वे पिछले 20 वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उन्होंने कई बार यात्राएं की हैं, लेकिन अब यात्रा का समय नहीं है। अब उनके लिए बचा हुआ समय अपने किए गए कामों को और मजबूती से पूरा करने का है।