बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान हो गया है। इस ऐलान पर बिहार के राजनेता अपनी ओर से खुशी जता रहे हैं। राजद नेता और बिहार के डिप्टी सीएम ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने पर मजबूर हो गई है।हम लोगों ने जाति आधारित गणना करवाई थी और उससे जो आक्रा निकल कर सामने आया उसके बाद ही भारत सरकार को इस पर ध्यान आया और भारत रत्न देने का निर्णय लिया गया। हमलोगों की बहुत पुरानी मांग रही है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा के प्रांगण में आए थे तभी हम लोग ने यह मांग की थी। आज बहुत खुशी की बात है कि कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने का निर्णय लिया गया है। कर्पूरी ठाकुर दलित, शोषित वंचित समाज के सबसे बड़े हितैषी रहे। खुशी की बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री और दलित समाज के सबसे बड़े नेता कपूरी ठाकुर जी को भारत रत्न मिलेगा। लेकिन इसका असर राजनीतिक में कहीं ना कहीं यह जरूर देखा जाएगा।
‘काशी राम जी को भी भारत रत्न देने की मांग‘
वहीं चुनाव से पहले इस ऐलान को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले दिया जाए या बाद में दिया जाए यह मायने नहीं रखता है मायने यह रखता है कि उनको दिया जाए।सिर्फ लालू यादव, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ही नहीं इसकी मांग करते थे बल्कि हर एक समाजवादी नेता की यह मांग थी। साथ ही उन्होंने काशी राम जी को भी भारत रत्न देने की मांग की है उन्होंने कहा उनको कि भारत रत्न मिलना चाहिए। अच्छा होता उनका भी साथ में मिल जाता।
‘के के पाठक और डीएम के बीच सब ठीक‘
उधर, के के पाठक का डीएम के बीच उठे विवाद को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि वह सब चीज आप लोगों की नजर में रहता है हम लोगों के नजर में कहीं कोई भी बात नहीं है। आंख का इलाज हो सकता है नजरिया का इलाज नहीं हो सकता। बता दें कि स्कूल में छुट्टी को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और जिलाधिकारी चंद्रशेखर के बीच विवाद चल रहा है। जिला प्रशासन के तरफ से शीतलहर को देखते हुए आठवीं तक के स्कूल बंद रखने का आदेश जारी कर रहा है। वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इस फैसले को गलत बताते हुए स्कूल तुरंत प्रभाव से खोलने का आदेश जारी किया। उसके बाद पाठक और डीएम के बाद काफी काजगी कहासुनी देखने को मिली।