पटना : बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर विपक्ष और सरकार आमने-सामने नजर आ रहे हैं। स्मार्ट मीटर को लेकर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanad Singh) ने सरकार को 1 अक्टूबर से आंदोलन की चेतावनी दी, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की। और गड़बड़ी को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री द्वारा स्मार्ट मीटर को लेकर की गई समीक्षा बैठक के बाद राजद ने आज एक बार फिर प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से सरकार को घेरा है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि स्मार्ट मीटर से लोगों की हो रही परेशानी को लेकर हमने सरकार को चेतावनी दी तो सरकार ने भी समीक्षा बैठक की। जगदानंद सिंह ने कहा कि लेकिन सरकार ने इस बैठक के माध्यम से जनता के हित में कोई फैसला नहीं दिया है। एक बार फिर हम बिहार के ऊर्जा विभाग और मुख्यमंत्री से सवाल पूछना चाहते हैं। राजद ने स्मार्ट मीटर को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तेरा सवाल पूछे हैं। सवाल इस प्रकार है…
- जो स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं उसमें उपभोक्ताओं के समक्ष थर्ड पार्टी के द्वारा मीटर की गति पुराने मीटर एवं स्मार्ट मीटर की गति में कोई फर्क नहीं है, विश्वास में लिया गया है?
2. 25 रूपये प्रति युनिट के हिसाब से खरीद बिजली को 5.85 रूपये से 8 रूपये प्रति युनिट के हिसाब से क्या बिक्री नहीं की जा रही है? फिक्सड चार्ज और विद्युत शुल्क बिजली बिल पर अंकित ये दो चार्ज किसलिए लिये जाते हैं आप बतायेंगे?
- बिहार सरकार का अपना उत्पादन शुन्य है इसे आम लोगों को बचाया गया है?
- किसानों को केवल 8 घंटे की बिजली क्यों?
- कृषि फीडर लगाने के लिए डेडीकेटेड फीडर का निर्माण सोती के उत्पादन में शमी के लिए है या उन्हें चबाह करने के लिए बन रहा है?
- भयंकर सुखाड़ के वक्त इस वर्ष भूगर्भीय जल का ही सहारा था उसके लिए 24 घंटे बिजली के बदले कृषि फीडर में कटौती कर क्या अन्य राज्यों को सस्ते दर पर बिजली नहीं बेची गई?
- सथ है कि 2023-2024 वर्ष में 2200 करोड़ की बिजली 4 रूपये में 5280 एम.यू (मिलियन युनिट) अन्य राज्यों को बिक्री क्यों? यथा विहार की खेती को बर्बाद करने के लिए?
- क्या भारत सरकार ने बिजली के उत्पादन के लिए 80000 करोड़ व्यय नहीं किया है मगर बिहार की सरकार ने पूर्व से स्थापित बिजली उत्पादन केन्द्रो कांटी एवं बरौनी की भी विक्री नहीं कर दी?
- श्री लालू जी राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष यूपीए की सरकार 2004 में शामिल होते ही तब कंन्य द्वारा उपेक्षित बिहार के लिए 4 अप्रैल, 2005 को ग्रामीण विद्युतीकरण की योजना शुरू करती है तब बिहार के गांवों में बिजली लगाने का कार्य शुरू होता है, क्या यह सच नहीं है?
- वर्ष 1998 से 2004 तक नीतीश भाजपा की केन्द्रीय सरकार में मंत्री रहते विहार को विजली के मद में एक भी पैसे का योगदान करा पाए?
- वर्ष 2003 में नया विद्युत एक्ट बना उसमें युनिवर्सल विद्युत दर के बदले उत्पादन केन्द्रों किस तय बिजली की दर लागू कराने में अपनी भूमिका के बारे में बताएंगे? उसी समय से विहार को अधिक कीमत पर बिजली खरीदना पड़ता है। सांय काल के लिए तो 10 रूपये तक की कीमत चुकानी पड़ती है? राज्य सरकार में बिहार की तबाही का रास्ता नीतीश जी आपने तय किया था क्या यह सही नहीं है?
- अब धर्बादी के कगार पर खड़े बिहार को स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षड्यंत्र किया है। लूट में यदि आप हिस्सेदार नही हैं तो इतने स्मार्ट नीटर लगाने के लिए बेचैन क्यों हैं?
- नीतीश जी बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के पटना के पत्रांक 19/सी. एम.डी. दिनांक 15.09.2024 को जारी कर आपने साबित नहीं कर दिया है कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए ग्रामीण तैयार नहीं है तथा लाठी डंडे के ताकत की बदौलत आप कार्य करना बाहते हैं। इसलिए विरोधी पक्ष कोई अफवाह नहीं फैला रही है बल्कि आपके इस अत्याचार के विरुद्ध जनता उठ खड़ी हो चुकी है, आप जनता के खिलाफ हैं।
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जगदानंद सिंह ने कहा कि राजद, सारा विपक्ष एवं जनता एक साथ खड़ें हैं और आप तानाशाह की तरह अकेले इस कार्य को करना चाहते हैं। जो हम लोग होने नहीं देंगे। जनता की आवाज बनेंगे। 1 अक्टूबर से पूरे राज्य में स्मार्ट मीटर हटाने के लिए हमारी पार्टी आंदोलन जारी रखेगी।