बिहार में NDA की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी कोटा के मंत्रियों के विभागों की जांच का आदेश दिया है, जिसके बाद से बिहार की सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है। नीतीश के इस एक्शन के बाद राजद खेमे से भी रिएक्शन देखने को मिल रहा है। अब राजद ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजद विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अब तक गठित हुए तीन कृषि रोड मैप को लेकर सवाल खड़ा किया है।
सुधाकर सिंह ने कहा कि तीन कृषि रोड मैप पर बिहार सरकार अब तक 3 लाख 10 हजार करोड रुपए खर्च कर चुकी है, लेकिन किसानो की आमदनी अब तक नहीं बढ़ी है। सुधाकर सिंह ने कहा कि हम जब कृषि मंत्री थे, तब हमने मुख्यमंत्री से ये मांग की थी कि तीन कृषि रोड मैप पर जो पैसा खर्च हुआ है, उसकी जांच हो। ताकि जो गड़बड़ी हुई हो, उस पर उचित कार्रवाई की जाए। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं कि जांच का आदेश देते ही नहीं ! इसके बाद सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच का आदेश क्यों नहीं देते? कारण कि वह खुद इस मामले में सलिप्त हैं। सरकार द्वारा पूर्व राजद मंत्रियों के विभागों की जांच के आदेश दिए जाने पर सुधाकर सिंह ने कहा कि बेशक मुख्यमंत्री जांच करवाएं। लेकिन अब तक किए गए सारे खर्चों का ब्योरा और पुरे रोडमैप की जांच करवाएं। उन्होंने ये भी मांग की कि सरकार खुद जांच न करें, कोई थर्ड पार्टी से जांच करवाएं। तब दूध का दूध और पानी का पानी होगा। कृषि रोडमैप के अलावे सिंह ने सृजन घोटाले से लेकर बालिका गृह्कांड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जांच के लिए थर्ड पार्टी चाहे राज्य से बाहर के ही क्यों न हो, वह सीबीआई ही क्यों ना हो, लेकिन वह खुद नीतीश कुमार के हाँथ में न हो। उन्होंने आरोप लगाया कि जब से बिहार में कृषि रोड मैप की शुरुआत हुई है, तब से किसानों की उपज और आमदनी बढ़ने की जगह कम ही होती गई है। कृषि विभाग में सब्सिडी के नाम पर बहुत सारी धांधली हुई है, जो जांच के क्रम में निश्चित तौर पर उभरकर सामने आ जायेगा’।
इन सब आरोपों के साथ सुधाकर सिंह ने बिहार में मंडी कानून को लेकर भी राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिहार में मंडी कानून लागू करने के लिए हम बिहार के हर जिले का दौरा कर रहे हैं। किसानों के साथ मंत्रणा कर रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत भी बिहार में लगभग दो दर्जन से अधिक जनसभा कर चुके हैं। जब सभी किसान एकमत हो जायेंगे, तो निश्चित ही इसकी मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में हम राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे।