जदयू नेता अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) अपनी कविता को लेकर अपनी पार्टी और भाजपा के निशाने पर तो हैं ही अब विपक्ष भी उन पर तंज कस रहा है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अशोक चौधरी के एक्स पोस्ट को लेकर सीएम नीतीश पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चाचा जी के यहां सिर फुटव्वल जारी है।रोहिणी आचार्य ने दावा किया है कि आपसी कलह में जल्द ही नीतीश कुमार की पार्टी टूटने और बिखरने वाली है।
रोहिणी आचार्य ने एक्स पर लिखा है कि चाचा जी के यहां सिर-फुटव्वल जारी है, विडंबना तो देखिए अब तो चाचा जी की ही बढ़ती उम्र पर उनके ही चहेते प्यादे के द्वारा उठाया गया सवाल बड़ा भारी है। कहीं ऐसा तो नहीं कि जुगाड़ की मदद से खड़े किए गए चाचा जी के खेमे के अब बिखरने की बारी है। जारी उठापटक पर चाचा जी की चुप्पी दर्शाती उनकी लाचारी है।
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बता दें कि जेडीयू मंत्री के एक ट्वीट के बाद बिहार में नेताओं की प्रतिक्रिया जारी है। हालांकि कविता लिखने के बाद फंसते दिखे अशोक चौधरी ने नीतीश कुमार से मुलाक़ात की। मीडिया के सामने बयान दिया और दो बार एक्स पर पोस्ट लिख कर सफाई भी दी, लेकिन मामला अब बिगड़ चुका है। अशोक चौधरी ने अपनी कविता में ‘बढ़ती उम्र’ का जिक्र करके इशारों ही इशारों में किस पर तंज कसा है, यह तो स्पष्ट नहीं है। लेकिन अशोक चौधरी की इस कविता के कई मायने निकाले जाने लगे। हालांकि, इस पूरे टिप्पणी के बाद जेडीयू हाईकमान ने अशोक चौधरी को तलब कर लिया। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी कविता को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी।
क्या लिखा था कविता में
बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।
एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना,
“छोड़ दीजिए”
बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना,
छोड़ दीजिए।
गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें,
छोड़ दीजिए।
एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना,
छोड़ दीजिए।
अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना,
छोड़ दीजिए।
यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना,
छोड़ दीजिए।
हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना,
छोड़ दीजिए।
बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना,
छोड़ दीजिए।
उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना,
छोड दीजिए।