राजस्थान में अलग ही राजनीतिक बयार चल रही है। साल चुनावी है और सत्ता में बैठी कांग्रेस के नेताओं का द्वंद्व शांत हो ही नहीं रहा। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की अदावत कब किस ओर मुड़ जाए कहना मुश्किल है। वैसे चुनावी साल वाले माहौल में मंगलवार को सचिन पायलट अनशन पर बैठे। इसका विषय रखा गया वसुंधरा राजे की सरकार में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन। लेकिन वसुंधरा राजे पर हमलावर सचिन पायलट का अनशन स्थल कुछ और ही इशारा करने लगा। क्योंकि कांग्रेस का कोई कार्यक्रम बिना गांधी परिवार के पूरा नहीं होता। लेकिन सचिन पायलट के अनशन में महात्मा गांधी की तस्वीर तो दिखी लेकिन ‘गांधी-परिवार’ पोस्टर से नदारद रहा।
निशाने पर गहलोत भी
वैसे तो सचिन पायलट कांग्रेस के बड़े नेता हैं और राजस्थान में सरकार उन्हीं की है। लेकिन राजस्थान कांग्रेस में लिहाज की नमी वहां के पानी की कमी की तरह हो गई है। 9 अप्रैल को पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वसुंधरा सरकार पर करीब 45 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप है। इन आरोपों की जांच के लि सीएम अशोक गहलोत को कहा भी। लेकिन जांच नहीं हुई। इसी कारण यह अनशन किया जा रहा है। यह अनशन सचिन पायलट के मौन व्रत का है। सचिन पायलट का यह मौन व्रत वसुंधरा राजे के आरोपों को लेकर जरुर है लेकिन कार्रवाई नहीं करने के आरोपी खुद कांग्रेसी सीएम गहलोत भी हैं।