राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक और प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में चुनाव आयोग (ईसी) के फैसले पर अपनी नाराजगी व्यक्त की, जिसमें उन्होंने एनसीपी का चुनाव चिह्न “घड़ी” और पार्टी का नाम अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को आवंटित किया था।
पवार ने कहा कि यह आश्चर्यजनक और चौंकाने वाला फैसला है। जिसने पार्टी बनाई, जो पार्टी का संस्थापक था, आयोग ने उसी से पार्टी छीन ली और उसे दूसरों को सौंप दिया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। हमें विश्वास है कि जनता भी चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेगी। हमने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
पवार ने आगे कहा कि चुनाव आयोग का फैसला राजनीतिक रूप से प्रेरित है। यह भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। एनसीपी के अन्य नेताओं ने भी चुनाव आयोग के फैसले की निंदा की है।
उन्होंने कहा कि यह फैसला न्यायसंगत नहीं है। यह पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात है। हम इस फैसले के खिलाफ लड़ेंगे।