बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने बयानों से राजनीतिक गलियारों में खलबली मचाते रहते हैं। सुधाकर सिंह ने एक बार फिर कुछ ऐसा हीं किया है। भभुआ के लिच्छवी भवन पर किसान सभा को संबोधित करते हुए सुधाकर सिंह ने सरकार और अधिकारियों पर जमकर हमला बोला। सुधाकर सिंह ने कहा कि 100 लोग मिलकर कलेक्टर के मुंह पर थूक देंगे तो कलेक्टर 100 लोगों पर कौन सा दफा लगाएगा? फूलों की माला की जगह अधिकारियों को फटे हुए जूते और चप्पलों की माला पहना देंगे तो कौन सा दफा लगाएगा? अधिकारी अगर इस्तीफा देकर नहीं चला गया तो कहिएगा। इन सब चीजों से आपके ऊपर कोई धारा नहीं लगेगा। वहीं अगर आंदोलन के दौरान अधिकारियों पर लाठी बरसाते हैं और उसका सर फट जाएगा तो 302 और 307 लग जाएगा। सुधाकर सिंह ने कहा कि यह गांधिवादी रास्ता है।
राकेश टिकैत भी पहुंचे हैं कैमूर
बता दें की भारतमाला परियोजना के तहत बनारस-कोलकाता एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर भारत सरकार द्वारा कैमूर के किसानों की जमीन ली जा रही है। किसानों का आरोप है कि सरकार जमीन का उचित मूल्य नहीं दे रही है। जिसे लेकर दूसरी बार किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कैमूर पहुंचे हुए हैं। इसी कार्यक्रम में सुधाकर सिंह ने अधिकारियों पर हमला बोला। सुधाकर सिंह ने आगे कहा बिहार के सरकार में बैठे हुए अधिकारी विकास विरोधी हैं। यहां गांव और जंगलों में बागी नहीं है। यहां सरकार की कुर्सी पर बैठे हुए लोग नक्सली और बागी हैं, जो आम लोगों और किसानों की बात नहीं सुनते। नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि यह स्थिति बदली नहीं है, क्योंकि बिहार की सत्ता में एक व्यक्ति 18 वर्षों से बैठे हैं। दल बदलते रहते हैं, दिल बदलते रहते हैं।