बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री व राजद विधायक सुधाकर सिंह और सीएम नीतीश कुमार के बीच की तल्खी जगजाहिर है। यह तल्खी तब से है, जब से सुधाकर सिंह विधायक भी नहीं बने थे। विधायक बनने के बाद राजद की सत्ता में एंट्री के कारण सुधाकर सिंह मंत्री बनाए गए। लेकिन सुधाकर ने अपने तेवर ढीले नहीं किए। पहले कैबिनेट में रहते हुए नीतीश कुमार की व्यवस्था के खिलाफ बोले। बाद में इस्तीफा देने के बाद तो लगातार बोलते ही गए। नीतीश से इस्तीफा भी मांग चुके हैं।
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जब भी नीतीश कुमार पर सुधाकर सिंह कोई बयान देते हैं, जदयू आक्रामक हो जाती है। लेकिन राजद की ओर से कार्रवाई नहीं होगी, यह भी लगभग तय ही है। क्योंकि राजद नेतृत्व की ओर से सुधाकर सिंह को नोटिस जारी किए हुए महीनों बीत चुके हैं। सुधाकर सिंह ने तय सीमा के अंदर जवाब भी दिया और उसके बाद से सबकुछ ठंडा पड़ गया। एक बार फिर सुधाकर के वार से नीतीश कुमार के समर्थकों को चुभन हो सकती है। सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार का बिना नाम लिए कहा है कि हमारी स्थिति तो दूल्हे की डोली उठाने वाले कहार की तरह है। कहार तो बदलते रहते हैं, दूल्हा नहीं बदलता। बिहार में 18 सालों से एक ही व्यक्ति की सरकार है।
मैंने भी ढोई है डोली : सुधाकर
विधायक सुधाकर सिंह ने बक्सर के चौसा पावर प्लांट में मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे किसानों का समर्थन करते हुए नीतीश सरकार पर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि हम भाषण कुछ भी दें अगर विधानसभा में वोट देना होगा तो किसको देंगे? सरकार के पक्ष में देंगे अगर नहीं देंगे तो सबेरे हमारी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। इसके बाद सुधाकर सिंह ने आगे कहा कि हमारी स्थिति तो दूल्हे की डोली उठाने वाले कहार की तरह है। कहार बदलते रहते है, वैसे ही हमें बदल दिया गया। सुधाकर सिंह ने कहा कि राज्य में 18 सालों से एक आदमी की सरकार है। यहां के मुखिया इतने भारी-भरकम हैं कि जिस डोली में दूल्हा बनकर जा रहे हैं। उसके कहार बदलते रहते हैं। हम भी डोली ढोने वालों में रहे हैं। जब लगा कि अब नहीं ढो सकेंगे तो हम बदल गए।