बिहार में जातीय गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए इस मामले में हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया हैं। और हाईकोर्ट को तीन दिन में सुनवाई करने का आदेश दिया हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता हाईकोर्ट के फैसले से संतृष्ट नहीं होते हैं तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। राज्य में जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
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सरकार राजनीति करने के लिए कर रही मनमाने ढ़ग से जातीय जनगणना
जातीय गणना में रोक लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ती टी एस नरसिन्हा की पीठ नें शुक्रवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया हैं। बिहार में 7 जनवरी 2023 में पहले चरण की जाति आधारित गणना हुई थी वहीं दूसके चरण की शुरुआत 15 अप्रैल से की गई हैं। जिसको रोक लगाने के लिए 21 अप्रैल को याचिका दायर कर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। जनगणना में रोक लगाने की याचिका में कहा गया था कि जनगणना कराना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है ना कि राज्य सरकार। बिहार की सरकार राजनीति करने के लिए मनमाने ढ़ग से जाति आधारित गणना करा रही हैं। और इस पर अनावश्यक खर्च कर रही हैं। जो बिहार के लिए सही नहीं हैं। जिसकी सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया हैं।