देश में लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के बीच जंग छिड़ी हुई है। आए दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर लगातार पार्टियों के नेताओं द्वारा एक दूसरे पर हमलावर होते रहते हैं। वहीं, कई नेताओं द्वारा जनता को लुभाने के लिए रैली भी की जा रही है। इसी कड़ी में झारखंड में INDI गठबंधन द्वारा महारैली का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कांग्रेस से लेकर JMM के बड़े-बड़े नेता शामिल होंगे।
पटना, मुंबई, दिल्ली के बाद अब झारखंड की राजधानी रांची में 20 अप्रैल को इंडी गठबंधन का शक्ति प्रदर्शन है। इसे लेकर तैयारियां पूरी जोरों-शोरों से चल रही है। ऐसे में इंडी गठबंधन की रैली को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है। इस बीच भाजपा द्वारा दिए गए बयान पर झामुमो महासचिव ने पलटवार किया है और पार्टी पर तंज कसा है।
भाजपा के आरोपों पर राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार किया है। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि उलगुलान रैली में ढ़ोंगी नहीं, असली सनातनी हिस्सा लेंगे। भाजपा को आदिवासियों की चिंता नहीं है। भाजपा जंगल में कॉरपोरेट घरानों का प्रवेश करा रही है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने आगे कहा कि सदन से वॉइस वोट से आदिवासी/सरना धर्म कोड पारित करके भेजा गया। लेकिन केंद्र सरकार ने उसे वापस कर दिया। अब केंद्र सरकार की नजर सारंडा की जंगलों पर है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आदिवासियों के इन इश्यू पर भाजपा खामोश है। उसे जवाब देना चाहिए। सरहुल की झांकियों में हेमंत सोरेन की तस्वीरें प्रदर्शित करने को लेकर उन्होंने कहा कि कितनी भी प्राथमिकी दर्ज हो जाए, लेकिन आक्रोश को ये दबा नहीं पाएंगे।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने लोबिन हेम्ब्रम की नाराजगी और पार्टी में रहते हुए राजमहल से चुनाव लड़ने पर कहा कि वे मना लिए जाएंगे। अभी उन्होंने नामांकन नहीं किया है। चाईबासा में हो समाज का विरोध और लोहरदगा से पार्टी विधायक चमरा लिंडा के चुनावी मैदान में उतरने की बात पर कहा कि कहीं कोई विरोध नहीं है। चुनाव में थोड़ी बहुत नाराजगी चलती रहती है। यह सभी पार्टियों में होता है। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे द्वारा मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को दरकिनार किए जाने के आरोपों पर कहा कि दरअसल, वे अब अपनी संभावित हार को देखकर बौखला गए हैं।