बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 18वीं लोकसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि इससे ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने जितनी तेजी दिखाकर चुनावी बांड के आंकड़े सार्वजनिक कराये, वह न्यायिक सक्रियता चुनावों में कालेधन का प्रवाह रोकने की मंशा के अनुकूल नहीं है. यह फैसला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को तकनीकी कारणों से बंद कर गंदे नाले (काला धन) को सीधे नदी में खोलने-जैसा है.
सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहिए कि चुनावी बांड और नकद चंदे के अलावा राजनीतिक दलों को किस प्रकार चंदा लेना चाहिए? सर्वोच्च न्यायालय बताये कि यदि लोग अपनी पसंद के दल का आर्थिक सहयोग कर चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करना चाहें, तो सही तरीका क्या होना चाहिए? उन्होंने कहा कि 20 हजार करोड़ के जो चुनावी बांड भुनाये गये, उससे सर्वाधिक 303 सांसदों वाली पार्टी भाजपा को छह हजार करोड़ रुपये मिले. शेष 14 हजार करोड़ रुपये तो 242 सांसदों वाले विपक्ष को मिले.
सुशील मोदी ने कहा कि यदि चुनावी बांड गलत हैं, तो बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद ने सबसे ज्यादा 72 करोड़ 50 लाख के बांड क्यों भुना लिये? राजद चुनावी बांड भुनाने वाले टॉप टेन दलों में है. कांग्रेस ने 1400 करोड़, टीएमसी ने 1600 करोड़ और द्रमुक ने 639 करोड़ के चुनावी बांड भुनाये. बिहार के पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने यह सुनिश्चित किया था कि कोई व्यक्ति या प्रतिष्ठान कालेधन से चुनावी बांड न खरीद सके. इसके बावजूद इस बांड पर सवाल उठाना दुर्भाग्यपूर्ण था.