इमाम हुसैन की याद मोहर्रम के जूलूस के दौरान जब उनकी और उनके साथियों की शहादत के किस्से गूंजें तो सारा माहौल गमगीन हो गया। सभी हजरत इमाम हुसैन को याद करते रहे। हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में पूरे बिहार में आज मोहर्रम की ताजिया निकाली गयी। लोग गम में डूब गए और मातम मनाया। पटना में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने घर पर भी तजिया जुलूस बुलाया। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर ताजिया जुलुस लेकर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान लालू यादव ने खुद आगे आकर सभी का स्वागत किया।
इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों ने अपनी शहादत दी थी
इंसानियत की रक्षा के लिए कर्बला में इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों ने अपनी शहादत दी थी। इमाम हुसैन की शहादत पर शोक व्यक्त करते हुए शिया मुस्लिम काले कपड़े पहनकर जुलूस निकालते हैं। इस दिन को कुर्बानी के रूप में याद किया जाता है, साथ ही इस दिन ताजिया निकाले जाते हैं। लालू यादव भी मुहर्रम को लेकर कुछ उसी अंदाज में दिखे। उन्होंने काला कपड़ा पहन रखा था। काले रंग के शॉर्ट्स और काले रंग की टी-शर्ट में लालू यादव कुर्सी पर बैठकर ताजिया लेकर पहुंचे लोगों से मिले और शोक के इस जुलूस में सबके साथ इमाम हुसैन की शहादत को याद किया।
राबड़ी देवी भी रहीं मौजूद
ताजिया जुलूस में शामिल लोगों ने कहा कि लालू यादव हमेशा से आपसी भाईचारा को बढ़ावा देते रहे हैं। वे पहले भी ताजिया जुलूस को अपने यहां आमंत्रित करते रहे हैं। इस बार भी उन्होंने सबको बुलाया। इस दौरान राबड़ी देवी भी वहां मौजूद रही। लोगों ने कहा कि यह अच्छी बात है कि लालू यादव सबको साथ लेकर चलने का संदेश देते हैं और मोहर्रम के अवसर ताजिया जुलूस को बुलाकर वे सबको साथ रहने की सीख देते हैं। दरअसल, धर्मनिरपेक्ष राजनीति के पैरोकार रहे लालू यादव ने मोहर्रम जुलुस को अपने आवास पर बुलाकर सबको एक संदेश देने की कोशिश की है।