राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज पटना आ रहे हैं। करीब तीन साल बाद वह बिहार आ रहे हैं। यहां से आने से पहले ही वह बिहार की राजनीति में बड़ा फेरबदल कर चुके हैं। पहले वह बिहार कांग्रेस के बड़े नेता कीर्ति आजाद को तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराया। फिर बिहारी बाबू यानी शत्रुघ्न सिन्हा को तृणमृल के टिकट पर आसनसोल से उपचुनाव में उम्मीदवार बनाकर जीत दर्ज कराई और लोकसभा पहुंचाया।
बिहार आने से 2 दिन पहले दिया सबसे बड़ा बयान
प्रशांत किशोर के आने से बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव होने के साफ संकेत मिल रहे हैं। पिछले 10 दिनों में बिहार की राजनीति में बड़े फेरबदल के कई संकेत भी दिखे हैं। इसी बीच प्रशांत का दौरा इन संकेतों को और मजबूत कर दिया है। हालांकि बिहार आने के दो दिन पहले ही एक नेशनल चैनल को इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा है कि जदयू ने उन्हें मारकर निकाला है। वहीं, कांग्रेस की तारीफ भी की। प्रशांत ने कहा कि देश की बड़ी पार्टी कांग्रेस है, वह एकदम ऐसे खत्म नहीं हो सकती। हां, उन्हें कुछ अहम बदलाव करने होंगे।
बिहार कांग्रेस को देंगे मजबूती ?
बिहार कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी है। डॉ. मदन मोहन झा के इस्तीफे के बाद कन्हैया कुमार को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नाम आ रहा है। प्रशांत किशोर ने खुद बताया है कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 6 घंटे का एक प्रेजेंटेशन दिया है, जिसे सोनिया ने देखा भी है। प्रशांत ने यह भी कहा कि उन्होंने मेरा सुझाव नहीं माना, लेकिन इंकार भी नहीं किया है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रशांत कहीं-कहीं बिहार में कांग्रेस को मजबूती देने के एजेंडे पर काम शुरू कर चुके हैं।
9 चुनावों में 8 प्रशांत को मिली है जीत
पिछले 8 साल में प्रशांत किशोर ने 9 चुनावों में 8 चुनावों में पार्टी को जीत दिलाई है। हाल में उत्तर प्रदेश चुनाव को छोड़ दें तो जिन पार्टियों के लिए उन्होंने कैंपेन किया, उन्हें जीत मिली है। ऐसे में राजनीति एनालिसिस में प्रशांत किशोर की सभी पार्टियां लोहा मानती हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की जीत में प्रशांत किशोर की रणनीति अहम मानी गई है।
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