द कश्मीर फाइल्स पर तीखी बहस के बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता मुस्तफा कमाल ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ वह उनकी अपनी पसंद के कारण हुआ। एक विशेष साक्षात्कार में मुस्तफा कमाल ने कहा कि 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ उसके लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला जिम्मेदार नहीं थे क्योंकि उस वक्त जम्मू-कश्मीर में उनकी सरकार नहीं बल्कि जगमोहन की सरकार थी।
मुस्लिम आबादी पर हमला
मुस्तफा कमाल ने कश्मीरी पंडितों की हत्या को नरसंहार कहने से इनकार करते हुए कहा कि फिल्म- द कश्मीर फाइल्स जम्मू-कश्मीर में बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी पर परोक्ष हमला है। उन्होंने कहा कि यह बहुत आश्चर्य की बात है कि एक कश्मीरी पंडित द्वारा बनाई गई ऐसी फिल्म जम्मू-कश्मीर के इतिहास के सबसे काले दौर के 35 साल बाद बनी है। फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर बड़े पैमाने पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। जबकि कांग्रेस ने फिल्म की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि यह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करती है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य लोगों सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने फिल्म की सराहना की है। बिहार यूपी समेत कई प्रदेशों में इस फ़िल्म को टैक्स फ्री कर दिया गया है।