लोकसभा चुनाव के बाद अब रिजल्ट की घोषणा भी हो चुकी है। बिहार में भाजपा और लोजपा को छोड़कर हर राजनीतिक दल को फायदा भी हुआ है और नुकसान भी। भाजपा को सिर्फ नुकसान हुआ है तो लोजपा को सिर्फ फायदा। इस बीच बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर कुछ दिग्गजों को भी हार मिली है। लेकिन इन दिग्गजों के लिए उनकी पार्टी कुछ अलग प्लान कर सकती है।
चुनाव परिणाम के बाद तेजस्वी यादव का बड़ा बयान… आने वाले समय में कुछ बेहतर देखने को मिलेगा
चर्चा है कि बिहार के लोकसभा चुनाव में हारे दो उम्मीदवारों को उनका दल उन्हें राज्यसभा की सीट दे सकता है। वैसे तो अभी मामला सरकार बनाने का चल रहा है कि लेकिन एक बार सरकार का गठन होते ही चर्चा इस बात की भी शुरू होगी कि हारे हुए दिग्गज नेताओं का क्या हो।
दरअसल, बिहार में आरा सीट पर भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह हार गए हैं। आरके सिंह को सीपीआईएमएल के सुदामा प्रसाद ने 59808 वोटों से हरा दिया। आरके सिंह की यह हार भाजपा को पच नहीं रही है क्योंकि आरके सिंह उन मंत्रियों में से हैं, जिनके काम की मोदी सरकार में ठीक ठाक चर्चा रही है। इसलिए संभावना है कि उन्हें राज्यसभा भेजा जाए।
आरके सिंह को राज्यसभा भेजने में भाजपा को अतिरिक्त मेहनत भी नहीं करनी है क्योंकि विवेक ठाकुर की राज्यसभा की सीट खाली हो रही है। विवेक ठाकुर नवादा से भाजपा के टिकट पर 67670 वोटों से जीते हैं।
वहीं राजद की ओर से भी ऐसा ही एक मामला है। सारण सीट से रोहिणी आचार्य को राजीव प्रताप रूडी ने 13361 वोटों से हरा दिया। लालू यादव की बेटी रोहिणी वैसे तो सारण की बेटी बनकर सारण में काम करने का वादा कर रही हैं। लेकिन एक संभावना यह भी कि लालू यादव उन्हें राज्यसभा का टिकट दे दें।
दरअसल, राजद में भी लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र सीट से लोकसभा चुनाव में 85174 वोटों से जीती हैं। इस चुनाव में मीसा ने उस रामकृपाल यादव को हराया है, जिनसे वे खुद दो चुनावों से हारती आ रही थीं। मीसा अभी राज्यसभा की सदस्य भी हैं। इसलिए संभावना है कि लालू अब मीसा की जगह रोहिणी को राज्यसभा भेज दें। ऐसी संभावना इसलिए बन रही है क्योंकि 2014 में पाटलिपुत्र से हार के बाद लालू ने मीसा को भी राज्यसभा भेजा और दूसरा टर्म भी दिया।