माफिया डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे अब्बास अंसारी जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ उम्मीदवार के रूप में यूपी चुनाव लड़ रहे हैं। अब्बास अंसारी ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर हमारी गठबंधन की सरकार बनती है तो उन्होंने अखिलेश यादव से कहा है कि वह कम से कम छह महीने तक सरकारी अधिकारियों का तबादला न करें। क्योंकि उन्हें उनके साथ ‘हिसाब किताब’ करनी है।
202 बहुमत हासिल
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अब्बास अंसारी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। उन्हें स्पष्ट रूप से अखिलेश यादव से कहा कि अगर गठबंधन यूपी चुनाव में 202 बहुमत हासिल करता है तो उन्हें छह महीने के लिए सरकारी अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं करना चाहिए क्योंकि उनकी ‘हिसाब किताब’ करनी है। उसके बाद हीं उन्हें अन्य पोस्टिंग पर भेजा जाए।
जांच के आदेश
वीडियो पर ध्यान देते हुए एडीजी कानून और व्यवस्था प्रशांत कुमार ने मामले में जांच का आदेश दे दिया है। जिसमें अब्बास अंसारी ने एक सार्वजनिक रैली में कथित रूप से विवादास्पद बयान दिया था। उच्च अधिकारियों ने मऊ पुलिस को वीडियो की जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दे दिया है। 1996 के बाद पहली बार मुख्तार अंसारी यूपी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। माफिया डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी ने अपने बेटे अब्बास अंसारी को कमान सौंपी है, जिसे सपा ने मऊ विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है। अब्बास अंसारी को मऊ से जीत की उम्मीद है जो उनके पिता का गढ़ रहा है जब से उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव लड़ना शुरू किया था। मुख्तार इस विशेष विधानसभा क्षेत्र में पांच बार जीत चुके हैं।