भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के केंद्र के खिलाफ विपक्षी दलों की बैठक बुलाने के फैसले को बीरभूम हिंसा से ध्यान हटाने के लिए बनाई गई चाल बताया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा (BJP spokesperson Sambit Patra) ने कहा कि एक पार्टी के भीतर की लड़ाई में नौ लोगों की मौत से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में अराजकता व्याप्त है और ममता बनर्जी केंद्रीय एजेंसियों पर झूठे आरोप लगाकर इस गंभीर मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही हैं।
केंद्र पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप
टीएमसी सुप्रीमो ने कांग्रेस समेत सभी गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों और विपक्षी दलों को पत्र लिखकर सभी प्रगतिशील ताकतों को एक साथ आने और दमनकारी बीजेपी शासन के खिलाफ एकजुट लड़ाई लड़ने का आग्रह किया है। पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई और केंद्र पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर हमला किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल को बदनाम करने का आरोप
ममता बनर्जी ने भाजापा सरकार पर ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दों पर जनता के गुस्से का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया और झूठा दावा किया कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के कारण लोग पीड़ित हैं और भाजपा मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने और पश्चिम बंगाल को बदनाम करने के लिए छिटपुट घटनाओं को अंजाम दे रही है। बीजेपी के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी ममता पर विपक्षी एकता की बात कर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बीरभूम हिंसा के बाद से डरी हुई हैं क्योंकि लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि बीरभूम की घटना ने राज्य की छवि खराब की है और देश भर में लोग पश्चिम बंगाल सरकार की निंदा कर रहे हैं।