RANCHI/BOKARO: झारखंड की राजनीति में एक बड़ा चेहरा माने जाने वाले शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का चेन्नई में निधन हो गया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और विधानसभा के सदस्य थे। गिरडीह जिले के डुमरी विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले जगरनाथ महतो राज्य की सियासत में भी महत्व पूर्ण रोल निभाते रहे थे। जगरनाथ महतो ने 1995 में 10 तक शिक्षा हासिल की थी। इसके बाद जिम्मेदारियों की वजह से आगे की पढ़ाई नहीं कर सके।
राजनीति की ओर झुकाव रखने वाले जगरनाथ महतो ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता हासिल की और सक्रिय राजनीति में कूद पड़े। 2005 में उर्जा मंत्री लालचंद महतो को हराकर पहली बार जेएमएम की टिकट पर जीते थे। इसके बाद से 2009, 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें डुमरी सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया। इस चुनाव में उन्हें जनता का खूब प्यार और वोट मिला। इसके बाद 2019 में चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। तब उन्हें झारखंड की गठबंधन सरकार में शिक्षा और उत्पाद विभाग का मंत्री बनाया गया।
28 साल में पास की 10वीं की परीक्षा
झारखंड के शिक्षा मंत्री रहे जगरनाथ महतो का बचपन गरीबी में बीता। उनके परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वो पढ़ाई पूरी कर सकें। प्राइमरी की पढ़ाई के बाद मैट्रिक पास करने से पहले ही उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। ये वहीं समय था जब झारखंड में आंदोलन जोर पकड़ रहा था। उन पर विनोद बिहारी महतो और शिबू सोरेन का गहरा असर हुआ। इसके बाद वह आंदोलन में शामिल हो गए। इसी दौरान उन्होंने समय निकालकर पढ़ाई की और साल 1995 में उन्होंने 28 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास कर ली। इसके बाद वो फिर से पढ़ाई छूट गई। शिक्षा मंत्री बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद ग्रहण करने के बाद 12वीं क्लास में एडमिशन लिया। लेकिन वह परीक्षा में शामिल नहीं हुए।
सवाल उठे तो 12वीं में लिया एडमिशन
शपथ ग्रहण के दौरान कुछ लोगों ने उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए तो उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने की ठानी। उन्होंने बोकारो जिले के नवाडीह में देवी प्रसाद मेमोरियल इंटर कॉलेज में एडमिशन लिया। इस कॉलेज को उन्होंने ही खुलवाया था। राजनीतिक विज्ञान के विषय को चुना और 12वीं में एडमिशन लिया था। 10 अगस्त 2020 को 1100 रुपए का फॉर्म भर कर एडमिशन ले लिया। मैंने इसे चैलेंज के रूप में स्वीकार किया। अब मैं पढ़ाई भी करूंगा, अच्छे नंबरों से पास होकर भी दिखाउंगा
कोरोना के कारण परीक्षा नहीं दे पाएं
11वीं में नामांकन लेने के बाद शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो पढ़ाई की तैयारी में भी जुट गए थे। वर्ष 2021 में वह 11वीं की परीक्षा देने की तैयारी में थे। लेकिन इस बीच अचानक वे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। उनका लंग्स पूरी तरह से डैमेज हो गया। गंभीर रूप से बीमार होने के कारण कई महीनों तक चेन्नई के हॉस्पिटल में उनका इलाज किया गया। इसके बाद उनका लंग्स भी ट्रांसप्लांट किया गया। ठीक होकर लौटने के बाद उन्होंने फिर से मंत्रालय संभाला। इस दौरान कई बार उन्हें बीमारी ने परेशान किया। इलाज व रूटीन चेकअप के लिए वह चेन्नई भी गए।