राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की चारा घोटाले में मुसीबत बढ़ सकती है। चारा घोटाला केस में लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द कराने के लिए CBI ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली है। इस पर 25 अगस्त को सुनवाई होगी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी याचिका में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए लालू यादव की जमानत रद्द करने की मांग की है। अगर सुप्रीम कोर्ट सीबीआई के पक्ष में फैसला सुनाता है तो आने वाले दिनों में लालू को फिर जेल जाना पड़ सकता है।
पिछले साल झारखंड हाईकोर्ट से मिली थी जमानत
पिछले साल अप्रैल में आरजेडी सुप्रीमो को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। 30 अप्रैल 2022 को उन्हें जेल से रिहा किया गया था। झारखंड हाईकोर्ट ने पिछले साल अप्रैल में मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि लालू यादव पहले ही सजा का आधा हिस्सा काट चुके हैं। लालू करीब 3 साल तक रांची के जेल में रहे। सीबीआई ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत अब इस पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई है।
क्या है मामला?
चारा घोटाला साल 1990 से 95 के बीच का है। आरोप है कि लालू यादव के सत्ता में रहते हुए डोरंडा एवं अन्य कोषागार से करोड़ों रुपये की निकासी की गई थी। इन रुपयों को निकालकर पशुओं के चारे और अन्य खर्च का फर्जी ब्योरा दिखाया गया था। लालू यादव पर चारा घोटाले से जुड़े कई मामले चल रहे हैं। इनमें से पांच मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है। इसके चलते लालू यादव को जेल जाना पड़ा था। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से पिछले साल अप्रैल में जमानत दे दी गई। जमानत पर रिहा होने के बाद लालू का दिसंबर में सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था।