रांची: मनरेगा घोटाले में अभियुक्त आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। 17 फरवरी यानी सोमवार को फिर उनके केस में सुनवाई होगी। दरअसल ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने इस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को कोई भी महत्वपूर्ण विभाग न दिये जाने की अपील की है। इस मामले में सरकार को निर्देश जारी करने का आग्रह किया है। बता दें कि पूजा सिंघल को साल 2024 में जमानत मिली थी। जिसके बाद इसी साल सरकार ने उनका निलंबन वापस लेते हुए उन्हें कार्मिक विभाग में योगदान देने को कहा था।
ईडी ने पोस्टिंग नहीं करने के लिए दिया कोर्ट में आवेदन ईडी ने विशेष न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को हाल ही में बेल मिली है। अगर उन्हें अभी कोई भी मुख्य पद या विभाग दिया जाता है तो वह जांच को प्रभावित कर सकती है। ईडी ने आगे कहा कि पूजा सिंघल का केस पर अभी भी ट्रायल है इसलिए अभी कोई भी महत्वपूर्ण पद देना ठीक नहीं है। बता दें कि प्रर्वतन निदेशालय ने मनरेगा घोटाला मामले में उन्हें साल 2022 में गिरफ्तार किया था। हालांकि इस मामले की सुनवाई 15 फरवरी को होनी थी लेकिन कोर्ट बंद होने के कारण इसकी सुनवाई नहीं हो सकी है।
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सामने आया आईएएस पूजा सिंगल का नाम आईएएस पूजा सिंगल पर आरोप है कि जब वे 2009 से 2010 में खूंटी की डीसी थी तब उन्होंने मनरेगा के तहत बिना किसी काम के 18 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। मई 2022 में जब ईडी ने इस मामले की जांच के लिए रेड मारी तो उनके सीए सुमन कुमार के पास से 19 करोड़ रुपये बरामद किये गये। जांच एजेंसी ने 82.77 करोड़ रुपये मूल्य की चल अंचल संपत्ति जब्त की थी। इसके बाद इस मामले में ईडी ने पूजा सिंघल, सीए सुमन कुमार समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।