आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (RJD Lalu Prasad Yadav) के जन्मदिन के एक वायरल वीडियो पर जनसुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर (PK) ने तीखी प्रतिक्रिया दी। वीडियो में लालू यादव कुर्सी पर पैर पर पैर रखकर बैठे हैं, और उनके पैरों के पास डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर रखी हुई नजर आ रही है। इस पर अब न सिर्फ बीजेपी बल्कि प्रशांत किशोर ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
‘आरजेडी पहले बाबा साहब का ‘अपमान’ करती है, फिर ‘अहंकार’ दिखाती है..’
प्रशांत किशोर ने शनिवार को कहा, “लालू जी उम्रदराज व्यक्ति हैं, वह अक्सर पैर पर पैर रखकर बैठते हैं, लेकिन अगर उन्होंने बाबा साहब का अपमान किया है, तो उन्हें सफाई देनी चाहिए।” उन्होंने सिर्फ लालू यादव पर ही नहीं, बल्कि उनके सहयोगियों और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने कहा, “सबसे बड़ा सवाल उनके सहयोगियों से है। खासकर राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए कि उनकी इस पर क्या राय है। क्या उनमें इतनी हिम्मत है कि वो कह सकें कि लालू यादव ने गलत किया है?” उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि जो नेता “संविधान को हर जगह लेकर चलते हैं”, उन्हें इस मामले पर चुप नहीं रहना चाहिए।
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विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
यह विवाद 11 जून को लालू यादव के जन्मदिन समारोह से जुड़ा है, जो पटना स्थित राबड़ी देवी के सरकारी आवास में मनाया गया था। इसी समारोह का एक वीडियो भाजपा ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। वीडियो में लालू यादव के पास खड़ा एक व्यक्ति अंबेडकर की तस्वीर लेकर उन्हें बधाई दे रहा है, लेकिन तस्वीर लालू यादव के पैरों के ठीक पास रखी नजर आती है। इस वीडियो को शेयर करते हुए भाजपा के प्रवक्ता दानिश इकबाल ने लिखा, “पूज्य बाबा साहब की एक तस्वीर लालू जी के पैरों के पास रखकर बधाई दी जा रही है। लालू जी और उनका परिवार इसको रोक भी नहीं रहा। इतना अहंकार? बाबा साहब से इतनी घृणा?”
RJD और कांग्रेस पर बढ़ा दबाव
वीडियो वायरल होने के बाद राजद और कांग्रेस पर नैतिक जवाबदेही का दबाव बढ़ गया है। एक ओर जहां भाजपा इस मुद्दे को दलित सम्मान से जोड़कर आक्रामक रुख अपना रही है, वहीं प्रशांत किशोर ने इसे राजनीतिक नैतिकता और सहयोगी दलों की जिम्मेदारी से जोड़ दिया है। प्रशांत किशोर ने साफ कहा कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है, और ऐसे मामलों से यह तय होता है कि कौन दलितों और संविधान के प्रति वास्तव में गंभीर है।