जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार की मौजूदा राजनीति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार चुनाव के समय झूठा नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं, जबकि उनके अपने जिले की जनता अब उन्हें विदाई का सर्टिफिकेट दे रही है। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि इस बार अगर प्रधानमंत्री मोदी भी नीतीश कुमार के लिए वोट मांगने आएं तो भी जनता को वोट नहीं देना चाहिए। उनका साफ संदेश था कि बिहार में अब लालू, नीतीश और मोदी के राज की जगह जनता का राज स्थापित होना चाहिए।
तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव कलम नहीं, कट्टा वाले लोग हैं। वे लोगों को कलम दिखाकर भ्रमित कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में वे बर्बादी की तरफ ले जा रहे हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव का कलम बांटना ऐसा है, जैसे जंगल में शेर दूध बांट रहा हो।
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बिहार सरकार के मंत्रियों पर भी प्रहार करते हुए किशोर ने कहा कि कृषि मंत्री की कोई खास हैसियत नहीं है और उन्हें “उगाही मंत्री” की उपाधि दी। विजय चौधरी द्वारा सम्राट चौधरी को बिहार का दूसरा सबसे प्रभावशाली मंत्री बताने के संदर्भ में उन्होंने यह टिप्पणी की।
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अशोक चौधरी को लेकर प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि वह सर्वदलीय नेता हैं—जदयू में खुद, कांग्रेस में उनके पिता, लोजपा में बेटी, और दामाद आरएसएस में। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी को पता है कि चुनाव के बाद बेरोजगार होने वाले हैं। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि वे 56 साल की उम्र में बिना परीक्षा दिए प्रोफेसर बन गए।