Prashant Kishor Bihar Speech: जमुई की जमीन से जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने दावा किया कि बिहार बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार है और इस बार जनता सिर्फ नारों या वादों से प्रभावित नहीं होगी। पत्रकारों से बातचीत में पीके ने राहुल गांधी और भाजपा दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि गाली-गलौज की राजनीति करके असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि नेता एक-दूसरे को अपशब्द कहेंगे लेकिन बिहार के युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा, इस पर कोई बात नहीं करेगा।
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प्रशांत किशोर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि असली सवाल गालियों का नहीं बल्कि बिहार के बच्चों के भविष्य का है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बिहार के बच्चों को तिरस्कार झेलना पड़ रहा है, उन्हें स्कूल-कॉलेज और काम की जगहों पर अपमानित किया जा रहा है। यह चिंता इस बार बिहार की जनता को करनी होगी और वोट भी उसी आधार पर डालना होगा।
संजय जायसवाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए पीके ने कहा कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की ओर भागता है। वहीं, तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि राघोपुर की जनता बाढ़ से त्रस्त है और उनके विधायक गंगा सेतु पर रील्स बनाने में व्यस्त हैं। उन्होंने तेजस्वी को “अपहरण, रंगदारी और कट्टा वाला नेता” बताते हुए कहा कि यह नई पीढ़ी के लिए सही विकल्प नहीं हो सकते।
प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अब तक बिहार की जनता से वोट लिया गया, लेकिन फैक्ट्रियां गुजरात और अन्य राज्यों में लगाई गईं। नीतीश कुमार के बीस साल के शासनकाल में रोजगार की व्यवस्था नहीं हो पाई और इससे पहले लालू प्रसाद के शासन में भी जनता ने सिर्फ निराशा देखी।
जमुई की सभा में पीके ने दावा किया कि स्थानीय लोगों ने कह दिया है कि यहां से मोदी को एक भी वोट नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि बिहार अब अपने बच्चों और परिवारों के लिए वोट करेगा, न कि जाति और धर्म के नाम पर।
सभा में उन्होंने जनता को जन सुराज का कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया और भरोसा दिलाया कि छठ पूजा के बाद इस कार्ड के जरिए हर परिवार को 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह मिलने लगेंगे। इसमें पेंशन की राशि से लेकर बच्चों की पढ़ाई का खर्च शामिल होगा। पीके ने कहा कि यह जनता की सरकार होगी, जो असल मुद्दों पर काम करेगी और बिहार को नए रास्ते पर ले जाएगी।






















