नालंदा में जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor Bihar Rally) ने आज बिहारशरीफ में रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया। बिहार की राजनीति में अपने बेबाक और विश्लेषणात्मक बयानों के लिए चर्चित पीके ने कहा कि नीतीश कुमार अब “शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुके हैं” और उनका प्रशासन बिहार को विकास की बजाय भ्रष्टाचार की ओर धकेल रहा है।
पीके ने कहा कि “20 साल का शासन देने के बाद भी बिहार वहीं का वहीं है। नीतीश अब जनता की भावनाओं से कट चुके हैं और उनके अफसर खुली लूट मचा रहे हैं। जो बिहार कभी जंगल राज से मुक्त हुआ था, अब अफसरशाही के जंगल राज में बदल चुका है।”

प्रधानमंत्री मोदी के हालिया बयान — “भारत में सस्ता डेटा गरीबों के लिए वरदान” — पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर बोले, “बिहार को सस्ता डेटा नहीं चाहिए, बिहार को अपने बेटे चाहिए जो गुजरात और दिल्ली में मजदूरी कर रहे हैं। हमें मोबाइल में डेटा नहीं, घर में रोजगार चाहिए।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि बिहार के युवाओं के पास नौकरी क्यों नहीं है, किसान आज भी पलायन क्यों कर रहे हैं, और शिक्षा के हालात इतने बदतर क्यों हैं। पीके ने व्यंग्य करते हुए कहा कि “गुजरात में 1 लाख करोड़ की बुलेट ट्रेन बन रही है, लेकिन बिहार के लोग छठ पर पैसेंजर ट्रेन में भी जगह नहीं पाते।”
कानून व्यवस्था पर हमला करते हुए पीके बोले, “लोगों ने लालू जी के जंगल राज को खत्म करने के लिए नीतीश जी को सत्ता सौंपी थी, लेकिन अब वही स्थिति लौट आई है। फर्क सिर्फ इतना है कि अब यह अफसरों का जंगल राज बन गया है।” उन्होंने कहा कि अफसर बेलगाम हैं, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, और जनता बेबस होकर देख रही है।
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एनडीए के घोषणा पत्र (मैनिफेस्टो) पर भी प्रशांत किशोर ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि “जो लोग 20 साल से सत्ता में हैं, उन्हें नया वादा करने का अधिकार नहीं है। उन्हें तो रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए। 2005 में बिहार सबसे गरीब था और आज भी वैसा ही है — यही उनकी सच्ची रिपोर्ट है।”
जन सुराज के विज़न को लेकर पीके ने कहा कि अब बिहार की राजनीति को लालू बनाम मोदी की सीमित सोच से बाहर आना होगा। “अब लालू के डर से मोदी को और मोदी के डर से लालू को वोट देने की जरूरत नहीं। अगर जन सुराज का उम्मीदवार भी योग्य नहीं है, तो उसे भी हराइए, क्योंकि हमारा उद्देश्य जन सुराज की नहीं, बिहार की जीत है।”
नालंदा में पीके का यह रोड शो राजगीर, नालंदा, हिलसा, बिहारशरीफ और अस्थावां विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित किया गया। लोगों की भारी भीड़ और स्थानीय युवाओं की सक्रिय भागीदारी से यह साफ संकेत मिला कि बिहार में एक नया राजनीतिक विकल्प आकार ले रहा है।






















