Bihar Politics: बिहार की राजनीति में इस समय चुनावी बयानबाजी और यात्राओं का दौर तेज़ है। इसी बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने विपक्षी गठबंधन INDIA की वोटर अधिकार यात्रा और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बिहार दौरे को लेकर तीखा बयान दिया है। किशोर ने कहा कि बिहार की असली जरूरत बाहरी नेताओं के भाषण नहीं, बल्कि बेरोजगारी और पलायन जैसी ज्वलंत समस्याओं का समाधान है।
सिवान में संवाददाताओं से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि चाहे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री आएं या कर्नाटक के, इससे बिहार की स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार में बिहार की बात होनी चाहिए और राज्य के युवाओं को यह बताया जाना चाहिए कि कब यहां रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पलायन रुकेगा।
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प्रशांत किशोर ने बेरोजगारी को बिहार की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां केवल एक-दूसरे की आलोचना में लगी रहती हैं। “बिहार में राहुल गांधी मोदी को गाली देंगे और मोदी राहुल गांधी को गाली देंगे, लेकिन कोई यह नहीं बताता कि बेरोजगारी कब खत्म होगी, भ्रष्टाचार पर कब कार्रवाई होगी और शिक्षा व्यवस्था कब सुधरेगी। जनता को सिर्फ बेवकूफ बनाया जा रहा है।”
उन्होंने दावा किया कि इस बार बिहार की जनता पारंपरिक राजनीति से हटकर बदलाव चाहती है। उनका कहना है कि लोग अब अपने बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा, रोजगार और सुरक्षित भविष्य चाहते हैं और इसके लिए जनता जन सुराज पार्टी को विकल्प के रूप में देख रही है।






















