बिहार की राजनीति में बदलाव का बिगुल फूंकने वाले प्रशांत किशोर अब तमिलनाडु की राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाने जा रहे हैं। उनकी पार्टी जन सुराज, जो बिहार में सत्ता और विपक्ष दोनों को चुनौती दे रही है, अब दक्षिण भारतीय सुपरस्टार विजय की राजनीतिक पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) को समर्थन देने की तैयारी में है।
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यह खबर न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की राजनीति के लिए चौंकाने वाली है। क्योंकि अभी तक प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक रणनीति को बिहार तक सीमित रखा था। उन्होंने जन सुराज की शुरुआत बिहार में की थी और 2025 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया था। लेकिन अब वे तमिलनाडु की सियासत में भी दिलचस्पी ले रहे हैं।
बिहार में बदलाव का सपना, लेकिन तमिलनाडु में नई रणनीति!
जन सुराज की स्थापना करने वाले प्रशांत किशोर बिहार में बड़े बदलाव का दावा कर रहे हैं। वे 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की बात कह रहे हैं। लेकिन, इस बड़े लक्ष्य के बीच ही उन्होंने तमिलनाडु में TVK का समर्थन करने का निर्णय लिया है।
क्या जन सुराज का ‘बैकअप प्लान’ है TVK?
प्रशांत किशोर का तमिलनाडु में विजय की पार्टी TVK को समर्थन देना एक बैकअप प्लान हो सकता है। अगर बिहार में उनकी पार्टी जन सुराज को अपेक्षित सफलता नहीं मिलती, तो वे 2026 में तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में विजय की पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार कर सकते हैं।
इतिहास भी इस बात का गवाह है कि प्रशांत किशोर केवल एक राज्य तक सीमित रहने वाले रणनीतिकार नहीं हैं। वे पहले भी देश के कई बड़े नेताओं और दलों को चुनावी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। तमिलनाडु में भी वे पहले DMK (द्रविड़ मुनेत्र कषगम) के लिए चुनावी रणनीति बना चुके हैं। ऐसे में TVK के लिए उनका समर्थन कोई नई बात नहीं होगी।
तमिलनाडु में सबसे लोकप्रिय बिहारी बनने की इच्छा!
प्रशांत किशोर ने अपने इस नए सियासी मिशन को लेकर एक दिलचस्प बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वे तमिलनाडु में ‘सबसे लोकप्रिय बिहारी’ बनना चाहते हैं, और इसके लिए उन्हें क्रिकेट के सुपरस्टार महेंद्र सिंह धोनी से भी आगे निकलना होगा। धोनी को चेन्नई सुपर किंग्स के कारण तमिलनाडु में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल है।
प्रशांत किशोर का कहना है, “मुझे तमिलनाडु में सबसे लोकप्रिय बिहारी बनना होगा। इसके लिए मुझे धोनी से प्रतिस्पर्धा करनी होगी। धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स को जीत दिलाई है और मैं TVK को चुनाव जिताने आया हूं। TVK सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि एक आंदोलन है।”
क्या यह प्रशांत किशोर की राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री है?
वैसे प्रशांत किशोर का यह कदम उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को भी दर्शाता है। बिहार में जन सुराज की सरकार बनाने की कोशिशों के साथ-साथ तमिलनाडु में TVK को समर्थन देना यह संकेत देता है कि वे राज्य स्तर से ऊपर उठकर राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी पैठ बनाना चाहते हैं।
हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे TVK को केवल चुनावी रणनीति देंगे या फिर खुद भी दक्षिण भारत की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। साथ ही, क्या बिहार में उनकी जन सुराज की कोशिशों पर इस नए कदम का असर पड़ेगा? यह सवाल भी अहम हो गया है।