बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आ चुका है। सी-वोटर द्वारा जारी ताज़ा सर्वे ने जहां एक ओर पुराने चेहरों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है, वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के लिए यह सर्वे एक सियासी बूस्टर डोज़ साबित हो रहा है। सर्वे के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पहली पसंद अभी भी तेजस्वी यादव हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता में 5% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि प्रशांत किशोर तेजी से दूसरे पायदान पर पहुंच गए हैं, और उनकी लोकप्रियता 17% तक पहुंच गई है।
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के प्रदेश महासचिव किशोर कुमार और प्रवक्ता विवेक कुमार ने सर्वे रिपोर्ट को लेकर आक्रामक रुख अपनाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सी-वोटर का यह सर्वे साफ बताता है कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है, परिवारवाद और माफियावाद नहीं। किशोर कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव भले ही पहले पायदान पर हों, लेकिन गिरावट उनके जनाधार में बिखराव का संकेत है। वहीं प्रशांत किशोर की चढ़ती लोकप्रियता दर्शाती है कि लोग घर से निकलकर मैदान में उतरे एक ‘नीति-पुरुष’ को अब मौका देना चाहते हैं।
जनता को ‘भाई’ चाहिए, ‘बॉस’ नहीं
किशोर कुमार ने गांधी मैदान में हुए विवाद का ज़िक्र करते हुए नीतीश सरकार पर सीधा हमला बोला कि 11 अप्रैल को लाखों लोगों को गांधी मैदान में प्रवेश नहीं करने दिया गया, ताकि वे प्रशांत किशोर से मिल न सकें। लेकिन 20 मई से बदलाव यात्रा शुरू होगी और इस बार कोई प्रशासन उन्हें लोगों से मिलने से रोक नहीं पाएगा। प्रशांत जी नेता बनकर नहीं, लोगों के भाई और बेटे बनकर गांव-गांव जा रहे हैं।
जन सुराज के प्रवक्ता विवेक कुमार ने कहा कि बिहार का अगला सीएम ना किसी खानदान से होगा, ना किसी माफिया के घर से। ना जातिवादी, ना धर्म आधारित। अगला मुख्यमंत्री वो होगा जो पलायन, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अशिक्षा से राज्य को बाहर निकाल सके। उन्होंने आगे कहा कि बाकी पार्टियां अब जन सुराज की नकल करने लगी हैं — लेकिन असल में इन समस्याओं पर सबसे पहले और सबसे गंभीरता से बात प्रशांत किशोर ने ही शुरू की थी।