लिस्बन: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुर्तगाल की अपनी चार दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान लिस्बन में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत और पुर्तगाल के बीच राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे होने के अवसर पर एक विशेष डाक टिकट जारी किया। यह यात्रा पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर हो रही है और इसे दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, “भारत और पुर्तगाल के बीच संबंध ऐतिहासिक हैं।
आज मेरी पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के साथ रचनात्मक और सार्थक चर्चा हुई। हमने संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन करने पर सहमति जताई है। मुझे भारत-पुर्तगाल संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक विशेष डाक टिकट जारी करते हुए बेहद खुशी हो रही है।” यह यात्रा 27 साल बाद किसी भारतीय राष्ट्रपति की पुर्तगाल की पहली राजकीय यात्रा है। इससे पहले 1998 में राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने पुर्तगाल का दौरा किया था।
भारत और पुर्तगाल के बीच राजनयिक संबंध 1974 में बहाल हुए थे, जब 1961 में भारत द्वारा गोवा के अधिग्रहण के बाद दोनों देशों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था। इस विशेष डाक टिकट का अनावरण दोनों देशों के बीच सौहार्द और सहयोग के एक नए अध्याय का प्रतीक है। राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा, जो 7 से 10 अप्रैल तक चलेगी, पुर्तगाल और स्लोवाकिया दोनों देशों को कवर करेगी। इस दौरान वह भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते जैसे आपसी हितों के मुद्दों पर भी चर्चा करेंगी। इसके अलावा, वह लिस्बन में महात्मा गांधी में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगी और पुर्तगाल में रहने वाले लगभग 1.25 लाख भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगी। यह यात्रा दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय जुड़ाव को दर्शाती है और भारत-पुर्तगाल संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।