इस बार राष्ट्रपति चुनाव ऐतिहासिक परिवर्तन के साथ होने वाला है। जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव होगा। इस चुनाव में एक सांसद के वोट की वैल्यू 708 से घटकर 700 रहेगी। कारण है जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का गठन नहीं हो सकना।
एक सांसद के वोट की अहमियत समझें
दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट की अहमियत काफी मायने रखती है। एक सांसद का वोट दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित राज्यों की विधानसभाओं के लिए चुने गए सदस्यों की संख्या पर आधारित होता है। अगस्त 2019 में लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में अलग होने से पहले तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में 83 विधानसभा सीटें थीं। मगर, इस राज्य के पुनर्गठन के बाद केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी। वहीं, केंद्र सरकार का लद्दाख पर शासन रहेगा।