रोम, इटली : शिव सेना (यूबीटी) की सांसद और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को रोम में भारतीय डायस्पोरा के साथ एक इंटरैक्शन के दौरान पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान न केवल दक्षिण एशिया बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है क्योंकि वह आतंकवाद और कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा है।
चतुर्वेदी ने कहा, “मैं इस विश्वास के साथ यहां आई हूं कि आप सभी भारत के ब्रांड एंबेसडर के रूप में पाकिस्तान के खिलाफ बोलेंगे, जो लगातार भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ रहा है। पाकिस्तान की पूरी उत्पत्ति ही झूठ पर आधारित है। मोहम्मद अली जिन्ना ने उन्हें इस्लामी राष्ट्र का वादा किया था, लेकिन आज पाकिस्तान एक आतंकवादी राष्ट्र बन कर रह गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान की नीतियां और कार्यवाही सिर्फ दक्षिण एशिया को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित कर रही हैं। जबकि आप इटली की आर्थिक समृद्धि में योगदान दे रहे हैं, पाकिस्तान यहां स्लीपर सेल्स प्रदान कर रहा है और क्षेत्र को और अधिक कट्टरपंथी बनाकर शांति को बिगाड़ रहा है।”
चतुर्वेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी उल्लेख किया, जो हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर की गई सैन्य कार्रवाई थी। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ हमारी आतंकवाद के खिलाफ सैन्य प्रतिक्रिया नहीं थी। इसे फिलहाल रोक दिया गया है। हमने उन्हें आतंकवाद को खत्म करने के लिए समय दिया है। अन्यथा, हम आपके घरों के अंदर आएंगे और आपके गंदे काम को साफ करेंगे।”
इस बयान से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और गहरा हो गया है, जहां भारत लगातार पाकिस्तान पर आतंकवाद को संरक्षण देने का आरोप लगाता रहा है। चतुर्वेदी के बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि भारतीय डायस्पोरा को न केवल आर्थिक योगदान देने के लिए देखा जाता है, बल्कि उन्हें वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ भी एक भूमिका निभानी पड़ सकती है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोपों पर चिंता व्यक्त करता रहा है, जैसा कि यूएस ऑफिस ऑफ द कोऑर्डिनेटर फॉर काउंटरटेररिज्म की 2001 की रिपोर्ट में भी उल्लेखित है।
चतुर्वेदी की यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही तनावपूर्ण संबंधों को और उजागर करती है, जहां दोनों देशों के बीच आतंकवाद और सुरक्षा मुद्दे लगातार एक प्रमुख चिंता बने हुए हैं।