नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi on Parliament) ने कांग्रेस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगे कथित नारों को लेकर उठे विवाद पर सरकार और सत्ता पक्ष पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ कहा कि मंच से ऐसा कुछ नहीं हुआ, फिर भी इसे संसद में मुद्दा बनाकर सदन की कार्यवाही बाधित की जा रही है। प्रियंका के मुताबिक यह पूरा विवाद असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की रणनीति है, ताकि सरकार जवाबदेही से बच सके और जरूरी बहसें न हों।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सवाल यह होना चाहिए कि सरकार खुद संसद की कार्यवाही क्यों रोक रही है। उन्होंने दावा किया कि रैली के मंच पर किसी तरह के आपत्तिजनक नारे नहीं लगे। बाद में पता चला कि जनता के बीच कोई बोल रहा था, वह कार्यकर्ता था या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है। इसके बावजूद सत्ता पक्ष ने इसे संसद तक खींच लिया। प्रियंका ने कहा कि यदि सरकार वास्तव में लोकतांत्रिक चर्चा चाहती, तो ऐसे मुद्दों को तूल देने के बजाय सदन को चलने देती।
उन्होंने जोर देकर कहा कि विपक्ष ने प्रदूषण जैसे गंभीर और जनहित से जुड़े विषय पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार उस पर भी बात करने को तैयार नहीं है। प्रियंका के अनुसार यह रवैया बताता है कि सत्ता पक्ष नहीं चाहता कि संसद सुचारु रूप से चले, क्योंकि तब उसे जनता से जुड़े सवालों के जवाब देने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि संसद का समय और देश के संसाधन बेवजह बर्बाद हो रहे हैं, जबकि देश के सामने बेरोजगारी, महंगाई, पर्यावरण और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दे खड़े हैं।
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MGNREGA के नाम में बदलाव को लेकर भी प्रियंका गांधी ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाने की कोशिश समझ से परे है। गांधी न सिर्फ देश के इतिहास के, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। प्रियंका ने पूछा कि सरकार आखिर किस सोच के तहत यह कदम उठा रही है। उनके मुताबिक यह केवल नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि विचारधारा पर हमला है, जिसमें उन मूल्यों को कमजोर किया जा रहा है जिन पर लोकतंत्र टिका है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि संसद चल नहीं रही, असली मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही और समय लगातार जाया हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष खुद व्यवधान पैदा कर रहा है और फिर उसी का दोष विपक्ष पर मढ़ दिया जाता है। उनके शब्दों में, यह लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है और जनता के हितों की अनदेखी है। कांग्रेस सांसद ने दो टूक कहा कि देश को बहस, समाधान और जवाब चाहिए, न कि बेवजह के विवाद।


















