रांची: राजधानी के न्यू एजी कॉलोनी,कडरू निवासी प्रख्यात पर्यावरण प्रेमी व दंत रोग चिकित्सक डॉ. मीनाक्षी सिंह ने कहा कि जैविक खाद्य उत्पादों को बढ़ावा दिया जाना वर्तमान समय की मांग है। प्रकृति ने हमें कई अनमोल और दुर्लभ उपहार दिए हैं। ऋषि-मुनियों ने भी स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति से जुड़े रहने का संदेश दिया है। देखें तो प्रकृति ने हमें स्वस्थ और समृद्ध रहने के लिए काफी कुछ दिया है।
जरूरत है इसकी महत्ता समझते हुए इससे जुड़े रहने व इसके संरक्षण-संवर्द्धनकी। पेशे से दंत चिकित्सक व एक सफल महिला उद्यमी डॉ.श्रीमती सिंह ने कहा कि मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी जैविक खाद्य पदार्थों के उत्पादन और विपणन के क्षेत्र में उन्होंने सराहनीय पहल की है। ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने और इसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए उन्होंने रांची के ठाकुरगांव में लगभग सात एकड़ में नंदिनी गिर फॉर्म्स की स्थापना की है।
जहां जैविक फसलों (अनाज, फल-सब्जियों) का उत्पादन किया जाता है। फिलवक्त ऑर्गेनिक स्वीट्स, मिलेट्स आदि के क्षेत्र में भी वह शोध कार्य कर रही हैं। नंदिनी गिर फॉर्म्स में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, फ्लावर मिल, आयल मिल,मिलेट्स प्लांट्स आदि के माध्यम से उन्होंने जैविक खेती के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बढ़ाया है। पर्यावरण संरक्षण को मानव जीवन का अभिन्न अंग मानते हुए डॉ.श्रीमती सिंह ने अब तक तकरीबन चार फलदार, छायादार व औषधीय पौधे लगाकर पर्यावरण के क्षेत्र में एक कीर्तिमान बनाया है।
नंदिनी गिर फार्म्स में जैविक पार्क, धार्मिक-आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए मंदिर निर्माण, गौ सेवा के उद्देश्य से डेयरी फार्म की स्थापना उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियां हैं।नंदिनी गिर फॉर्म्स में उत्पादित आर्गेनिक अनाज, फल-सब्जियां और गिर गाय के दूध व इससे बने अन्य पदार्थ (दही, पनीर, पेड़ा, खोवा आदि) की मार्केटिंग के लिए न्यू एजी कॉलोनी, कडरू में “ऑर्गेनिक बास्केट” शोरूम का शुभारंभ किया है। रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं से उत्पादित खाद्य पदार्थ मानव शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। खाद्य पदार्थों में रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का बढ़ता प्रयोग मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। इससे कैंसर व अन्य बीमारियां हो रही है। इस पर रोक लगाने के लिए जैविक कृषि को बढ़ावा दिया जाना अत्यंत आवश्यक है।