Rabri Devi Bungalow Issue: पटना की सियासत में इन दिनों एक ही मुद्दा सबसे ज्यादा गर्म है- राबड़ी देवी का सरकारी बंगला खाली कराने का आदेश। बिहार चुनाव में करारी हार से पहले ही झटका खा चुके लालू परिवार को सरकार के इस फैसले ने और घेरा, लेकिन इस निर्णय ने परिवार के भीतर की दूरी भी पाट दी है। जो रोहिणी आचार्य कुछ दिनों पहले राजनीतिक मतभेदों से नाराज होकर परिवार से दूरी की बात कर रही थीं, वही अब अपनी पूरी ताकत से लालू-राबड़ी के समर्थन में उतर आई हैं।
राबड़ी देवी के बंगला विवाद ने सिर्फ एक आवास का मामला नहीं उठाया है, बल्कि बिहार की वर्तमान राजनीतिक समझ, विपक्ष और सत्ता के संबंधों, और लालू प्रसाद यादव के प्रभाव को फिर से चर्चा में ला दिया है। रोहिणी आचार्य द्वारा किया गया ट्वीट, जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार को सीधे निशाने पर लिया, बिहार के राजनीतिक गलियारों में नए समीकरणों का संकेत देता है।
स्थिति की जड़ में राज्य सरकार का वह आदेश है जिसमें राबड़ी देवी को उनके पुराने आवास 10, सर्कुलर रोड से हटाकर नया बंगला- 39 हार्डिंग रोड आवंटित करने की बात कही गई है। यह आदेश एक प्रशासनिक निर्णय दिखता जरूर है, लेकिन लालू परिवार इसे राजनीतिक बदले के रूप में देख रहा है। खास बात यह है कि लालू प्रसाद यादव की तबीयत लंबे समय से खराब है और इसी कारण रोहिणी आचार्य ने अपने ट्वीट में नीतीश सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया।
रोहिणी ने लिखा कि सुशासन बाबू का विकास मॉडल आखिर किस दिशा में जा रहा है। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों के नेता लालू प्रसाद यादव का अपमान करना सरकार की प्राथमिकता बन गया है। उन्होंने यह भी पूछा कि घर से तो सरकार निकाल देगी, लेकिन बिहार की जनता के दिल से लालू को कौन निकाल सकता है।





















