पटना: बिहार के राघोपुर में हाल ही में उद्घाटन किए गए कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा ब्रिज को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता रोहिणी आचार्य ने एक ट्वीट के जरिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर इस परियोजना की उपलब्धि को हड़पने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास तेजस्वी यादव के पहले उप-मुख्यमंत्रित्व काल (2015) में हुआ था और यह उनके प्रयासों का नतीजा है।
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रोहिणी आचार्य ने अपने ट्वीट में कहा, “दूसरों की उपलब्धि – प्रयासों – किए का श्रेय लेने में एनडीए वालों का कोई सानी नहीं है। राघोपुर सिक्स लेन ब्रिज का शिलान्यास तेजस्वी यादव के पहले उप-मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान हुआ था और दियारा क्षेत्र को राजधानी पटना और गंगा पार के इलाकों से जोड़ने की ये महती परियोजना तेजस्वी यादव के सद्प्रयासों का परिणाम है।”
उन्होंने नीतीश कुमार और भाजपा पर इस परियोजना की जानबूझकर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके चलते निर्माण में देरी हुई और लागत में कई गुना वृद्धि हुई। रोहिणी ने मांग की कि नीतीश कुमार और एनडीए सरकार को निर्माण में देरी और लागत वृद्धि के लिए बिहार, खासकर राघोपुर की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
बता दें कि कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा ब्रिज का उद्घाटन 23 जून 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इस 19 किलोमीटर लंबी परियोजना में 9.76 किलोमीटर का एक्स्ट्रा डोज केबल स्टे ब्रिज शामिल है, जिसकी लागत लगभग 4,988 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसमें 3,000 करोड़ रुपये एशियन डेवलपमेंट बैंक से ऋण के रूप में और 2,000 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने वहन किए।
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बिहार कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर एनडीए सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने दावा किया कि 2015 में महागठबंधन सरकार ने इसकी आधारशिला रखी थी, जब इसकी लागत 3,115 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब लागत 60% बढ़कर 4,988 करोड़ रुपये हो गई। उन्होंने इसे “जनता के पैसे की लूट” करार दिया।
तेजस्वी के प्रयासों का दावा
रोहिणी आचार्य ने अपने ट्वीट में जोर देकर कहा कि यह परियोजना तेजस्वी यादव की दूरदर्शिता और राघोपुर दियारा क्षेत्र को पटना से जोड़ने के उनके विजन का परिणाम है। राघोपुर, जो तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र है, अब इस पुल के जरिए मात्र 5 मिनट में पटना से जुड़ गया है।