वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने बिहार की राजनीति और केंद्र सरकार पर तीखे हमले तो बोले, लेकिन एक अहम सवाल पर उन्होंने स्पष्टता नहीं दिखाई। उन्होंने यह साफ नहीं किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। यात्रा के मंच से राहुल गांधी ने जनता को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस और महागठबंधन बिहार की जनता के हक और अधिकार की लड़ाई पूरी मजबूती से लड़ेगा। लेकिन जब तेजस्वी यादव के नेतृत्व और उन्हें मुख्यमंत्री चेहरा बनाए जाने को लेकर सवाल उठा, तो राहुल गांधी ने इस पर सीधा जवाब देने से परहेज किया।
रविवार को पूर्णिया में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, मुकेश सहनी और कई नेता एक साथ थे। वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। एक पत्रकार ने राहुल गांधी से सवाल पूछा कि तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि अगर अगली सरकार बनेगी देश में तो राहुल गांधी पीएम बनेंगे। संविधान बचाने के लिए, लोकतंत्र बचाने के लिए..इन सबों को भरोसा है कि आप उस पर काम करेंगे तो बिहार को लेकर अब तक आपकी पार्टी से साफ क्यों नहीं किया जा रहा है कि तेजस्वी यादव सीएम बनेंगे?
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इस पर राहुल गांधी ने कहा कि बहुत अच्छे तरीके से एक पार्टनरशिप बनी है। हम सारी की सारी पार्टियां एक साथ जुड़कर काम कर रही हैं। कोई टेंशन नहीं है और म्युचुअल रिस्पेक्ट है। एक-दूसरे की मदद हो रही है तो मजा भी आ रहा है। आइडियोलॉजिकली हम अलाइन्ड हैं। पॉलिटिकली अलाइन्ड हैं। तो बहुत अच्छा रिजल्ट आएगा। मगर, वोट चोरी को रोकना है।
राहुल गांधी के एक जवाब से बीजेपी को मौका मिल गया है। बीजेपी नेता नीरज कुमार ने कहा कि कांग्रेस कभी तेजस्वी को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। वहीं बीजेपी के एक्स से पोस्ट किया गया है कि तेजस्वी को तो राहुल पसंद है, लेकिन राहुल को तेजस्वी कतई पसंद नहीं है! कांग्रेस का खेला अंदर-अंदर जरूर है!