बिहार की सियासत में इस बार अतिपिछड़ा समाज (Rahul Gandhi Atipichhra Nyay Sankalp) केंद्र में है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने साफ कहा है कि भाजपा चाहे जितनी भी झूठ की राजनीति और ध्यान भटकाने की कोशिश करे, लेकिन कांग्रेस दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और विशेषकर अतिपिछड़े समाज को उनका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का “अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र” सिर्फ़ घोषणापत्र नहीं, बल्कि समान विकास और सामाजिक न्याय की गारंटी है।
राहुल गांधी ने कहा कि शिक्षा ही वह सबसे बड़ा हथियार है, जिसके जरिए इन समुदायों की नई पीढ़ी सशक्त हो सकती है। इसी वजह से कांग्रेस ने संकल्प पत्र में विशेष वादे किए हैं। उन्होंने घोषणा की कि अब निजी कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी आरक्षण लागू किया जाएगा। इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों की आरक्षित आधी सीटें SC, ST, OBC और EBC वर्ग के बच्चों को मिलेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी नियुक्तियों में “Not Found Suitable” जैसी व्यवस्था, जो अक्सर पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों के साथ अन्याय करती है, पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी। राहुल ने इसे सिर्फ शिक्षा तक सीमित न मानकर बराबरी और सम्मान की लड़ाई बताया।
सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी, आज से मिलेगा सितंबर का वेतन
इस संकल्प पत्र के साथ बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते दिखे। उन्होंने नीतीश कुमार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले दो दशकों में अतिपिछड़े समाज को योजनाओं का लाभ मिलने की बजाय उपेक्षा और कुनीति का सामना करना पड़ा है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि जिन वर्गों को विशेष नीति और सुरक्षा कवच मिलना चाहिए था, वे आज और भी पीछे धकेल दिए गए हैं।
तेजस्वी यादव ने वादा किया कि यदि महागठबंधन सत्ता में आता है तो “अतिपिछड़ा न्याय संकल्प” को प्राथमिकता के साथ लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल शिक्षा बल्कि रोजगार, सामाजिक भागीदारी और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में भी अतिपिछड़े समाज की स्थिति मजबूत होगी।






















