बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल अपने चरम पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही दल अपनी-अपनी ताकत झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दो दिवसीय दौरे के बाद अब कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति को धार देनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर बिहार दौरे पर आ रहे हैं।
राहुल गांधी का यह दौरा 6 जून को नालंदा जिले के राजगीर में होगा, जहां वे अति पिछड़ा सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस जनसभा के माध्यम से कांग्रेस बिहार के अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को साधने की कोशिश करेगी। खास बात यह है कि यह सम्मेलन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में हो रहा है, जिसे प्रतीकात्मक रूप से भी कांग्रेस के लिए अहम माना जा रहा है।
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कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं में इस दौरे को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। पार्टी की ओर से तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। पहले यह कार्यक्रम 27 मई को होना था, लेकिन किसी कारणवश इसे स्थगित कर 6 जून की तारीख तय की गई। अब यह तय है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस इस सम्मेलन के जरिए अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगी।
ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले पांच महीनों में राहुल गांधी का यह पांचवां बिहार दौरा होगा। इससे पहले वे जनवरी, फरवरी, अप्रैल और मई में राज्य के अलग-अलग हिस्सों—दरभंगा और पटना—का दौरा कर चुके हैं। उनके बढ़ते दौरे इस ओर इशारा करते हैं कि कांग्रेस बिहार में चुनावी लड़ाई को गंभीरता से ले रही है और राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से जनसमर्थन जुटाने में लगे हैं।
हालांकि, राहुल गांधी के हालिया दरभंगा दौरे में काफी विवाद भी हुआ था। आयोजन स्थल को लेकर प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद उन्होंने कार्यक्रम किया, जिसके चलते उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बावजूद इसके, कांग्रेस नेतृत्व पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रहा है।