अहमदाबाद: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद में पार्टी कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य गुजरात में कांग्रेस की जिला इकाइयों को मजबूत करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत करना है। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत राज्य की 41 संगठनात्मक इकाइयों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी इस दौरान जिला स्तर के नेताओं और पर्यवेक्षकों के साथ सीधा संवाद करेंगे ताकि पार्टी की संरचना को नई ऊर्जा दी जा सके।”
इस पहल का औपचारिक शुभारंभ बुधवार को अरवल्ली जिले के मोदासा में होगा, जहां राहुल गांधी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और नेतृत्व की अपेक्षाओं को रेखांकित करेंगे। यह दौरा कांग्रेस के लिए गुजरात में एक “रीसेट मोमेंट” के रूप में देखा जा रहा है, जो लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गढ़ रहा है। हाल ही में 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की बैठकों के बाद राहुल गांधी का यह दौरा पार्टी की रणनीति को और मजबूती देता है।
इन बैठकों को गुजरात में 64 साल बाद आयोजित किया गया, जो ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह साल महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का प्रतीक है।कांग्रेस का यह प्रयास न केवल गुजरात में पार्टी की जमीनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि 2027 तक राज्य में राजनीतिक जमीन वापस हासिल करने की रणनीति का हिस्सा भी है।
राहुल गांधी ने पिछले साल संसद में कहा था कि इंडिया गठबंधन गुजरात में बीजेपी को हराएगा, और यह दौरा उसी दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। इस बीच, कांग्रेस की यह रणनीति ऐतिहासिक और प्रतीकात्मक दोनों रूप से महत्वपूर्ण है। पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन ‘न्याय पथ’ साबरमती नदी के किनारे आयोजित किया गया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया।
इस आयोजन ने गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कांग्रेस आंदोलन में इसके योगदान को भी रेखांकित किया। राहुल गांधी का यह दौरा और पायलट प्रोजेक्ट कांग्रेस के लिए गुजरात में एक नई शुरुआत का संकेत देता है, जहां पार्टी जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने की कोशिश कर रही है।