लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक विस्तृत पत्र लिखते हुए वंचित समुदायों के छात्रों के शिक्षा के अधिकार और छात्रावासों की बदहाली को लेकर गहरी चिंता जताई है। यह पत्र 10 जून को भेजा गया, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से बिहार के दरभंगा जिले के आंबेडकर छात्रावास का उदाहरण देकर वहां की भयावह स्थिति की ओर इशारा किया है।
राहुल गांधी ने लिखा कि दरभंगा में उन्होंने देखा कि एक ही कमरे में 6-7 छात्रों को ठूंसकर रखा गया है। शौचालय गंदे हैं, पीने का पानी असुरक्षित है और भोजन की व्यवस्था अस्त-व्यस्त है। इससे न केवल स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि छात्रों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है।
छात्रवृत्ति में देरी बनी सबसे बड़ी बाधा
राहुल गांधी ने अपने पत्र में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति (Post Matric Scholarship) की देरी और प्रणाली की असफलता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार में छात्रवृत्ति पोर्टल तीन वर्षों तक निष्क्रिय रहा, जिससे हजारों दलित, ओबीसी, ईबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को समय पर आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी। वर्ष 2021-22 में किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति नहीं दी गई, जिससे उनका करियर प्रभावित हुआ।
वंचित वर्ग के छात्रों के लिए उचित सुविधा और अवसर की मांग
राहुल ने पीएम से आग्रह किया कि वंचित समुदायों के 90% छात्रों को उचित शिक्षा और संसाधन नहीं मिल पा रहे हैं, जो सामाजिक असमानता को और गहरा करता है। उन्होंने दो प्रमुख मांगें रखीं –
- आवासीय छात्रावासों की स्थिति को तुरंत सुधारा जाए।
- पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए।
अपने पत्र के अंत में राहुल गांधी ने लिखा कि भारत का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब वंचित समुदायों के युवा शिक्षा और अवसरों में बराबरी पा सकें। मुझे विश्वास है कि आप इन मुद्दों को गंभीरता से लेंगे।

