बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर 27 मई को बिहार दौरे पर आ रहे हैं, और इस बार उनका गंतव्य है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला — नालंदा। इस दौरे में राहुल गांधी ‘अत्यंत पिछड़ा वर्ग सम्मेलन’ को संबोधित करेंगे, जो न केवल एक सामाजिक कार्यक्रम है, बल्कि इसमें छिपा है कांग्रेस की चुनावी राजनीति का एक बड़ा दांव।
नीतीश कुमार के वोट बैंक पर कांग्रेस की नजर
बिहार में EBC (Extremely Backward Class) समुदाय को नीतीश कुमार का कोर वोट बैंक माना जाता है। दशकों से नीतीश कुमार इस वर्ग के सामाजिक उत्थान और राजनीतिक सशक्तिकरण के प्रतीक रहे हैं। लेकिन कांग्रेस अब इस वर्ग में अपनी पैठ बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। राहुल गांधी का यह दौरा उसी दिशा में एक प्रयास है। नालंदा जैसे संवेदनशील और सशक्त राजनीतिक जिले में राहुल गांधी का आना सीधे तौर पर नीतीश कुमार के प्रभाव क्षेत्र में सेंध लगाने जैसा माना जा रहा है।
5 महीने में 5 दौरे: बिहार कांग्रेस को लेकर गंभीर राहुल गांधी
जनवरी 2024 से अब तक राहुल गांधी का यह बिहार का पांचवां दौरा होगा —
- 18 जनवरी
- 4 फरवरी
- 7 अप्रैल
- 15 मई
- और अब संभावित रूप से 27 मई
इन लगातार दौरों से स्पष्ट है कि कांग्रेस बिहार को लेकर गंभीर है और 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है। पार्टी को पता है कि BJP-JDU गठबंधन से निपटने के लिए उसे ग्राउंड पर सक्रियता बढ़ानी होगी।
15 मई की घटनाएं: प्रशासन से टकराव और ज़मीनी संपर्क की कोशिश
राहुल गांधी का पिछला दौरा 15 मई को हुआ था, जिसमें वे दरभंगा छात्रावास में बिना प्रशासनिक अनुमति के पहुंचे और छात्रों को संबोधित किया। इस घटना को लेकर दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हुईं, लेकिन राहुल गांधी ने अपने ‘जन संपर्क’ अभियान को नहीं रोका।
इसके बाद उन्होंने पटना में सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ फुले पर बनी फिल्म देखी, जिससे उन्होंने जातीय समानता के मुद्दे को उभारा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सम्मेलन में राज्य और जिला स्तर के कांग्रेस नेता शामिल होंगे और विशेष तौर पर EBC समुदाय के लोगों की बड़ी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सम्मेलन का उद्देश्य न केवल समुदाय से सीधा संवाद स्थापित करना है, बल्कि नीतीश कुमार की उन नीतियों की आलोचना करना भी है जो कांग्रेस के अनुसार “EBC हित में पर्याप्त नहीं रही हैं”।