लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का बहुप्रतीक्षित बिहार दौरा फिलहाल टल गया है। कांग्रेस की ओर से पहले दावा किया गया था कि 27 मई को राहुल गांधी नालंदा, जो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है, में अति पिछड़ा सम्मेलन को संबोधित करेंगे। लेकिन अब पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि यह दौरा स्थगित कर दिया गया है और इसकी नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी।
क्या है दौरा रद्द होने की वजह?
मिली जानकारी के अनुसार अब तक कांग्रेस ने नालंदा में किसी कार्यक्रम स्थल की घोषणा नहीं की है। जिला प्रशासन को भी कोई सूचना नहीं दी गई थी, जिससे तैयारियों की कोई ठोस शुरुआत नहीं हो पाई। पार्टी का कहना है कि दौरे को कुछ दिनों के लिए टाला गया है और जल्दी ही नए कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।
पिछले 5 महीनों में राहुल गांधी चार बार बिहार का दौरा कर चुके हैं। हर बार उन्होंने दलित और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को ही अपने भाषण और नीतिगत घोषणा का केंद्र बनाया। बिहार की जनसंख्या संरचना में EBC की हिस्सेदारी लगभग 36% है, जबकि ओबीसी का कुल प्रतिशत 63% (27% पिछड़ा वर्ग + 36% अति पिछड़ा)। दलित आबादी भी लगभग 19% है, जिसे लेकर कांग्रेस सक्रिय राजनीति कर रही है। यही कारण है कि बिहार कांग्रेस की कमान राजेश राम जैसे दलित चेहरे को सौंपी गई है, ताकि इस वोट बैंक को कांग्रेस के पाले में लाया जा सके।
बिहार में कांग्रेस की सियासी जमीन कितनी मजबूत?
2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई। महागठबंधन में कांग्रेस की मौजूदगी के बावजूद उसका जनाधार सीमित बना हुआ है। कांग्रेस की कोशिश है कि आने वाले चुनावों से पहले अधिक से अधिक सीटों पर अपनी दावेदारी मजबूत की जाए। इस संदर्भ में राहुल गांधी का नालंदा दौरा, जो कि CM नीतीश कुमार के गढ़ में था, प्रतीकात्मक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था।