श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें महाराष्ट्र के 6 पर्यटक भी शामिल थे। राहुल गांधी ने कहा कि यह एक “दुखद घटना” है और जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों ने इस आतंकी हमले की भर्त्सना की है।
पहलगाम में पीड़ितों से मुलाकात करने और उन्हें सांत्वना देने के बाद राहुल गांधी ने कहा, “इस परिस्थिति में कश्मीर के लोग पूर्ण रूप से भारत के साथ हैं। मैं सभी को कहना चाहता हूं कि आज सारा देश एक साथ खड़ा है।” उन्होंने यह भी बताया कि गुरुवार को केंद्र सरकार के साथ एक सर्वदलीय बैठक हुई थी, जिसमें विपक्ष ने इस हमले की कड़ी निंदा की। गांधी ने सरकार को आश्वासन दिया कि इस घटना के खिलाफ जो भी कार्रवाई की जाएगी, विपक्ष उसमें सरकार के साथ खड़ा रहेगा।
पहलगाम आतंकी हमला: बढ़ती भारत-पाक तनातनी
पहलगाम में मंगलवार को हुए इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले के बाद भारत ने इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया है, जिसे पाकिस्तान ने “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया है। इस हमले के बाद मनोवैज्ञानिक युद्ध की तैयारी कर रहा है और शाहीन-III या बाबर क्रूज मिसाइल के परीक्षण की योजना बना रहा है, ताकि भारत पर दबाव बनाया जा सके।
हमले के बाद श्रीगंगानगर जिले सहित सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। महाराष्ट्र के लगभग 500 पर्यटक वापस लौट चुके हैं, और 232 अन्य पर्यटक शुक्रवार को एक विशेष उड़ान से लौटने वाले हैं। इस बीच, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिनमें श्रीनगर कंट्रोल रूम (0194-2457543) और अनंतनाग पुलिस कंट्रोल रूम (9596777669) शामिल हैं।
राष्ट्रीय शोक और एकजुटता देश भर में हमले में मारे गए 26 लोगों के लिए अंतिम संस्कार किए गए। ओडिशा से लेकर गुजरात तक, परिवारों ने अपने प्रियजनों को अलविदा कहा, जो एक शांतिपूर्ण छुट्टी के लिए पहलगाम गए थे।
कई शहरों और गांवों में व्यवसाय बंद रहे, जिससे एकजुटता का संदेश दिया गया। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि राहुल गांधी का यह दौरा पीड़ितों को सांत्वना देने और कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का लंबा इतिहास रहा है। जम्मू-कश्मीर में 1989 से अलगाववादी उग्रवाद सक्रिय है, जिसमें पाकिस्तान की भूमिका को लेकर भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कई बार सवाल उठाए हैं।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर उग्रवादियों को हथियार और प्रशिक्षण देने का आरोप है। इस हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं।
राहुल गांधी ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश एकजुट है और इस चुनौती का सामना करने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना होगा।